पूसा संस्थान के साथ साझे में खेती करके अब आप एमएसपी से डेढ़ गुना तक ज्‍यादा कीमत पा सकते हैं, जानें तरीका

By : Tractorbird News Published on : 30-Jan-2024
पूसा

किसानों को एमएसपी की तुलना में डेढ़ गुना अधिक कीमत मिल सकती है। सुनकर अजीब लगता है। जब सरकार ने एमएसपी निर्धारित कर रखी है तो अधिक कैसे मिल सकती है? यह और भी दिलचस्प होगा अगर कहा जाए कि इसमें स्वयं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई-पूसा) किसानों की मदद कर रहा है। 

कई किसान पूसा की मदद से फसल का डेढ़ गुना या अधिक मूल्य वसूल कर रहे हैं। इस लेख में आप जानेंगे की कैसे आप भी अपनी फसल का एमएसपी से डेढ़ गुना या अधिक मूल्य वसूल कर सकते हैं।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के प्रधान वैज्ञानिक और बीज उत्पादन इकाई के प्रभारी डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया, कि आईएआरआई किसानों की आय और पैदावार को बढ़ा रहा है। इसी भाग में यह प्रयास किया गया है। 

उन्होंने कहा कि IRRI के पास पर्याप्त जमीन नहीं है, इसलिए वह सभी किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज देकर उत्पादन बढ़ने में असमर्थ है। उत्पादन में वृद्धि के लिए किसानो के खेतों में बीज बना रहा है। IARI का यह प्रयास किसानों की आय और पैदावार दोनों को बढ़ा रहा है। 

कृषि वैज्ञानिको के शोधों से स्पष्ट हो गया है कि उन्नत किस्म के बीजों से पैदावार 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है।

ये भी पढ़ें : सरकार ने 2024-25 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को दी मंजूरी

वैज्ञानिकों के अनुसार किसान समूह बनाकर भी बीज उत्पादन कर सकते हैं 

डा. ज्ञानेंद्र सिंह बताते हैं कि पहले वैज्ञानिकों को पता चलता है कि किस फसल की प्रजाति सर्वश्रेष्ठ है और कौन से इलाके उसके बीज के लिए सर्वश्रेष्ठ होंगे। जहां सबसे अच्छे बीज पैदा कर सकते हैं इसे वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया है। 

इसके बाद आप वहाँ के किसानों से संपर्क करेंगे। इसमें कृषकों को चुनने के कई आधार हैं। बीज बनाने में लागत किसान ही लगाता है, लेकिन आईएआरआई के वैज्ञानिक इसे बनाते हैं। 

इस प्रक्रिया में आईएआरआई केन्द्र के 100 से 120 किमी. के दायरे में रहने वाले किसानों का चयन किया जाता है, ताकि बीज तैयार होने के बाद केन्द्र में पहुंचने पर अधिक खर्च न हो। 

कई किसान आपस में समूह बनाकर भी बीज उत्पादन कर सकते है जिससे कि उनका खर्च कम आएगा और संस्थान तक ले जाने में खर्चा भी बट जायेगा।

किसान फसल तैयार होने के बाद आईएआरआई संस्थान में ले जाता है। किसान को एमएसपी के अनुसार तत्काल भुगतान मिलता है। इसके बाद वैज्ञानिकों ने इसकी जांच की। जिसमें औसतन 8 प्रतिशत उत्पाद गुणवत्ता के अनुरूप नहीं निकलता है। 

किसान और खरीदार, जो इस उत्पादन को बेचते हैं,उनको केन्द्र में बुलाया जाता है क्योंकि IARI इसे बीज के रूप में बनाता है इससे फसल और बीज की कीमतों में एमएसपी से लगभग डेढ़ गुना या इससे भी अधिक का अंतर होता है। 

IARI किसान को अंतर में आए पैसे देता है। किसान को इस तरह डेढ़ गुना से अधिक लागत मिलती है।

किसान कैसे करें संपर्क? 

दिल्ली के किसान पूसा बीज उत्पादन से सीधे 01125842686 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, आप देश भर में किसान विज्ञान केन्द्र (KVKE) और कृषि विज्ञान और टेक् नीकल इनफार्मेशन केन्द्र (ATIKE) से संपर्क कर सकते हैं।

Join TractorBird Whatsapp Group

Categories

Similar Posts

Ad