खजूर की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मिलेगा अनुदान

By : Tractorbird Published on : 13-May-2025
खजूर

किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से सरकार आधुनिक खेती तकनीकों और लाभकारी फसलों को बढ़ावा दे रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने खजूर की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को 1.60 लाख रुपये तक की सब्सिडी देने की घोषणा की है। 

खजूर की खेती अब भारत में एक फायदे का सौदा साबित हो रही है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी है। यह फसल कम लागत और कम पानी में भी अच्छी उपज देती है, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिल सकता है।

खजूर की खेती पर अनुदान का प्रावधान 

  • राज्य सरकार एकीकृत बागवानी मिशन (MIDH) के अंतर्गत खजूर की खेती पर प्रति हेक्टेयर 1.60 लाख रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है। 
  • यह सहायता उन किसानों को दी जा रही है जो खजूर की खेती शुरू करना चाहते हैं या पहले से कर रहे हैं और उसका विस्तार करना चाहते हैं। 
  • सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिये भेजी जाएगी जिससे प्रक्रिया पारदर्शी और तेज हो सके।

तकनीकी मार्गदर्शन और प्रशिक्षण

  • सरकार खजूर की खेती में रुचि रखने वाले किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों की जानकारी देने के लिए तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण भी दे रही है। 
  • इसके तहत मिट्टी की जांच, पौधों का चयन, सिंचाई तकनीक और देखभाल के तरीके सिखाए जा रहे हैं। यह सहायता कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और बागवानी विभाग के माध्यम से दी जा रही है।

किन्हें मिलेगा अनुदान का लाभ ?

फिलहाल यह योजना हरियाणा राज्य में लागू की गई है और मुख्य रूप से दक्षिणी क्षेत्रों के किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है, क्योंकि वहां जल संसाधनों की कमी है। ऐसे क्षेत्रों में खजूर की खेती एक लाभकारी विकल्प के रूप में सामने आ रही है।

ये भी पढ़ें : खजूर की खेती कैसे की जाती है ?

आवेदन की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज

जो किसान खजूर की खेती के लिए अनुदान प्राप्त करना चाहते हैं, वे अपने नजदीकी बागवानी विभाग कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। 

इसके अलावा राज्य सरकार की कृषि पोर्टलों के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में शामिल हैं:

भूमि के स्वामित्व के दस्तावेज

  •  आधार कार्ड
  •  बैंक खाता विवरण
  •  खजूर की खेती की योजना

खजूर की खेती के लाभ

  • खजूर की फसल कम पानी में अच्छी तरह उगाई जा सकती है। इसकी बाजार में अच्छी मांग रहती है और यह लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। 
  • इसके उपयोग खाद्य प्रसंस्करण, आयुर्वेदिक दवाओं और मिठाइयों में होने के कारण किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है।

खजूर की खेती कैसे करें ?

  • खजूर की खेती गर्म और शुष्क जलवायु में होती है, जिसमें बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। इसके लिए 35°C से 45°C तापमान आदर्श होता है। इसकी रोपाई जून-जुलाई में की जाती है और पौधों को 8×8 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है।
  • उत्कृष्ट पैदावार के लिए नियमित सिंचाई, जैविक खाद, कटाई-छंटाई और फूलों के समय हस्तचालित परागण (हैंड पोलिनेशन) जरूरी होता है। 
  • फलों की तुड़ाई पौधारोपण के 4-5 वर्षों बाद जुलाई से सितंबर के बीच होती है। एक पेड़ से सालाना 40-100 किलो तक उपज मिल सकती है।

सब्सिडी वितरण में तेजी के निर्देश

हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों को वर्टिकल खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए और सब्सिडी समय पर DBT के माध्यम से उनके खातों में ट्रांसफर की जाए। 

साथ ही बैठक में राज्य में मशरूम उत्पादन को भी बढ़ावा देने की बात कही गई, विशेषकर सोनीपत जिले में एक मशरूम क्लस्टर विकसित किया जा रहा है।

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