खजूर की खेती कैसे की जाती है ?

By : Tractorbird News Published on : 24-Oct-2024
खजूर

खजूर एक महत्वपूर्ण फल है, जिसका पौधा 15 से 25 मीटर ऊंचा होता है। इसके सूखे फलों से पिंडखजूर और छुहारे बनाए जाते हैं। 

ईरान खजूर के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है, लेकिन भारत के कुछ हिस्सों में भी उन्नत तकनीकों के साथ खजूर की खेती की जा रही है।

जलवायु 

  • खजूर की खेती के लिए शुष्क और अर्द्ध-शुष्क जलवायु आदर्श मानी जाती है। खजूर के पौधे अत्यधिक गर्मी (50°C) और सर्दी (5°C) को सहन कर सकते हैं। 
  • इनके अच्छे विकास के लिए 7°C से 32°C के बीच का तापमान चाहिए, जबकि फलों के पकने के लिए 24°C से 40°C तापमान सबसे उपयुक्त होता है। 
  • भारत में राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर क्षेत्र इस खेती के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।

मिट्टी 

  • खजूर की खेती के लिए विभिन्न प्रकार की मिट्टी इस्तेमाल की जा सकती है, लेकिन बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। 
  • खजूर के पौधे 3-4% तक क्षारीयता सहन कर सकते हैं, और मिट्टी का पी.एच. मान 8 से 9 के बीच होना चाहिए।

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खजूर की उन्नत किस्में

  • खजूर की कई किस्में होती हैं, जिनमें से मेडजूल, खूनेझी, हिल्लावी और बरही प्रमुख हैं। 
  • मादा प्रजातियों में बरही, खुनेजी और हिल्लावी खजूर होते हैं, जबकि नर प्रजातियों में धनामी मेल और मदसरीम आते हैं। 
  • हर किस्म का फल पकने का समय और गुणधर्म अलग होते हैं, और इनके फल अत्यंत मीठे व पौष्टिक होते हैं।

भूमि की तैयारी 

  • खजूर की खेती के लिए गर्मी के मौसम में खेत में 6 या 8 मीटर की दूरी पर 1 मीटर गहरे और चौड़े गड्ढे खोदे जाते हैं। 
  • इन्हें दो सप्ताह तक खुला छोड़ दिया जाता है। 
  • फिर, गोबर की खाद, सिंगल सुपर फॉस्फेट और कीटनाशक मिलाकर इन गड्ढों में डाला जाता है, और इसके बाद पानी लगाया जाता है ताकि मिट्टी ठीक से जम जाए।

रोपण प्रक्रिया

खजूर के पौधे लगाते समय पौधों की जड़ की थैली हटा दी जाती है। इसके बाद पौधे को गड्ढे के बीच में रखकर चारों तरफ मिट्टी दबा दी जाती है।

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