इस नए इलाज से कपास में गुलाबी सुंडी का होगा खात्मा

By : Tractorbird Published on : 18-Jul-2025
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गुलाबी सुंडी का नाम सुनते ही किसानों के होश उड़ जाते हैं। इस खतरनाक कीट का हमला होते ही फसल बर्बाद होने लगती है, खासकर कपास की फसल। 

किसान सालभर की मेहनत के साथ फसल उगाते हैं, लेकिन गुलाबी सुंडी उनकी मेहनत पर पानी फेर देती है। 

ऐसे में अगर कोई नई, सस्ती और असरदार तकनीक बाजार में आ जाए जो इस कीट से राहत दिला सके, तो किसानों के लिए इससे बड़ी खुशी की बात नहीं हो सकती।

अब हैदराबाद के एक स्टार्टअप डेल्टा थिंग्स ने एक ऐसी ही तकनीक विकसित की है जो गुलाबी सुंडी जैसे कीटों का सफाया कर सकती है। 

यह तकनीक एक खास लाइट ट्रैप है, जिसका नाम है आई ट्रैपर (iTrapper)। यह डिवाइस डेल्टा थिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और जयशंकर तेलंगाना स्टेट एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा मिलकर विकसित की गई है। यह ट्रैप फसल और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना हानिकारक कीटों को खत्म करता है।

कैसे काम करता है लाइट ट्रैपर?

  • आई ट्रैपर सिर्फ गुलाबी सुंडी ही नहीं, बल्कि अन्य हानिकारक कीटों को भी नियंत्रित करता है। बाजार में पहले से कई लाइट ट्रैप मौजूद हैं, लेकिन आई ट्रैपर उनसे कई मायनों में बेहतर है।
  • सामान्य लाइट ट्रैप सभी कीटों को मारते हैं – चाहे वो फायदेमंद हों या हानिकारक – जिससे जैविक संतुलन बिगड़ता है।
  • लेकिन आई ट्रैपर खास तकनीक से काम करता है जो केवल नुकसानदायक कीटों को ही निशाना बनाता है और फायदेमंद कीटों को सुरक्षित छोड़ देता है।
  • इसके अलावा यह डिवाइस लंबी अवधि तक प्रभावी ढंग से काम करती है, जबकि पारंपरिक लाइट ट्रैप जल्दी खराब हो जाते हैं।

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टेक्नोलॉजी और खासियत

  • जयशंकर यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक रामगोपाल वर्मा बताते हैं कि आई ट्रैपर में खास सेंसर और स्मार्ट कंट्रोलर लगे हैं जो अच्छे और बुरे कीटों के बीच फर्क कर पाते हैं।
  • वहीं, डेल्टा थिंग्स के फाउंडर राजशेखर रेड्डी पल्ला बताते हैं कि इस उपकरण को बनाने से पहले दो साल तक खेतों में कीटों के व्यवहार पर रिसर्च की गई। विशेषकर कपास और धान की फसलों पर काम हुआ।

आई ट्रैपर की विशेषताएँ:

यूवी और विजिबल लाइट दोनों का उपयोग होता है।

यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आधारित डिवाइस है, जिसमें एलईडी लाइट और माइक्रोकंट्रोलर लगा है।

यह कीटों की पहचान कर उसी हिसाब से लाइट छोड़ता है, जिससे केवल नुकसानदायक कीट फंसते हैं और खत्म हो जाते हैं।

आई ट्रैपर एक स्मार्ट, पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ समाधान है, जो किसानों को गुलाबी सुंडी जैसी समस्याओं से निजात दिला सकता है। 

इससे फसल सुरक्षित रहती है और जैव विविधता भी बनी रहती है। किसानों के लिए यह तकनीक एक वरदान साबित हो सकती है।

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