भारत के ज्यादातर राज्यों में लहसुन की खेती बड़े स्तर पर की जाती है। किसानों द्वारा इसकी खेती अक्टूबर से नवंबर माह के बीच में की जाती है। लहसुन की खेती में किसानो द्वारा कलियों को जमीन के अंदर बोया जाता हैं ,और मिट्टी से ढक दिया जाता हैं। बुवाई करने से पहले एक बार देख ले कंद खराब तो नहीं हैं,अगर कंद खराब हुई तो लहसुन की पूरी फसल खराब हो सकती हैं।
लहसुन की बुवाई करते वक्त कलियों के बीच की दूरी समान होनी चाहिए। लहसुन की खेती के लिए बहुत ही कम तापमान की आवश्यकता रहती है। इसकी फसल के लिए न ही ज्यादा ठंड की आवश्कता होती हैं और न ही ज्यादा गर्मी की। लहसुन में एल्सिन नामक तत्व पाया जाता हैं, जिसकी वजह से लहसुन में से गंध आती हैं।
लहसुन की खेती के लिए हमे सामान्य तापमान की जरुरत रहती हैं। लहसुन की कंद का पकना उसके तापमान पर निर्भर करता है। ज्यादा ठंड और गर्मी की वजह से लहसुन की फसल खराब भी हो सकती हैं।
लहसुन के खेत की अच्छे से जुताई करने के बाद खेत में गोबर खाद का प्रयोग करें ,और उसे अच्छे से मिट्टी में मिला दें। खेत की फिर से जुताई करें ताकि गोबर के खाद को अच्छे से खेत में मिलाया जा सके।
इसके बाद खेत में सिंचाई का काम कर सकते हैं अगर खेत में खरपतवार जैसे कोई रोग देखने को मिलते हैं तो उसके लिए हम रासायनिक खाद का भी प्रयोग कर सकते हैं।
लहसुन खाने से इम्युनिटी बढ़ती हैं, इसमें एल्सिन नामक तत्व पाया जाता है। जो की शरीर के अंदर इम्मुनिटी को बढ़ाने में सहायता करता है। लहसुन में जिंक ,फॉस्फोरस और मैग्नीशियम पाया जाता हैं जो की हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
2. केलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है
लहसुन बढ़ते हुए केलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होती है ,बढ़ता हुआ केलेस्ट्रॉल हमारे स्वस्थ्य के लिए हानिकारक होता है। ये बेकार कॉलेस्ट्रॉल को बहार निकालने में सहायक होता हैं। लहसुन खून को पतला करके हृदय से जुडी परशानियों को कम करने में सहायक होता है।
लहसुन कैंसर बीमारी के रोकथाम में भी सहायक है। लहसुन के अंदर पाए जाने वाले बहुत से तत्व ऐसे रहते हैं जो कैंसर के बढ़ते हुए सेल्स को फैलने से रोकता हैं। लहसुन को कैंसर से पीड़ित लोगो के लिए फायदेमंद माना गया है।
लहसुन खाना पाचन किर्या के लिए सुलभ माना जाता हैं। लहसुन को आहार में लेने से,ये आंतो पर आयी सूजन को कम करता है। लहसुन खाने से पेट में पड़ने वाले कीड़े खत्म हो जाते हैं। साथ ही यह आंतो को लाभ पहुंचाता है। लहसुन खाने से शरीर के अंदर पड़ने वाले बेकार बैक्टीरिया को नष्ट करता है।
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लहसुन खाने से बहुत से फायदे होते हैं ,लेकिन कभी कभी लहसुन का ज्यादा उपयोग करना हानिकारक होता है। जानिए लहसुन के ज्यादा उपयोग करने से होने वाले नुकसान :
लहसुन खाना ज्यादातर हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए बेहतर माना जाता है ,लेकिन इसका यह दुष्प्रभाव लो ब्लड प्रेशर वाले व्यक्तियों के ऊपर पड सकता है। लहसुन की तासीर गर्म होती है जिसकी वजह से यह ,लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए फायदेमंद नहीं हैं। इसके खाने से जी मचलना और सीने पर जलन होना आदि हो सकता है।
लहसुन खाने से पाचन किर्या से सम्बंधित बहुत सी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं , ज्यादा लहसुन खाने से डायरिया जैसी बीमारी भी हो सकती है।
कमजोर पाचन किर्या वाले लोगो को ज्यादा लहसुन का पचाव अच्छे से नहीं हो पाता है ,जिसकी वजह से पेट में गैस ,दर्द और एसिडिटी जैसी बीमारियां भी उत्पन्न होती है।
जो रोजाना लहसुन का सेवन करते हैं उन्हें रक्तश्राव जैसे परेशानियां हो सकती हैं। लहसुन का उपयोग एलेर्जी से पीडित लोगो को नहीं करना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति को पहले से एलेर्जी हैं तो वो स्वास्थ्य परामर्श से सलाह लेकर लहसुन का प्रयोग कर सकते है।
लहसुन का सेवन ज्यादातर सर्दियों के मौसम में किया जाता हैं ,क्यूंकि लहसुन गर्म तासीर का रहता हैं। सर्दियों में ज्यादातर लोगो द्वारा भुना हुआ लहसुन खाया जाता है क्यूंकि ये वजन कम करने और दिल को स्वस्थ्य रखने में मददगार रहता है।
लेकिन जरुरत से ज्यादा लहसुन का उपयोग करने से शरीर को बहुत से नुक्सान भी हो सकते है। लहसुन का खाली पेट सेवन करने से एसिडिटी जैसी समस्या भी हो सकती है।
लहसुन में ब्लड को पतला करने वाले कुछ गुण होते हैं ,जो हृदय से जुडी समस्याओं के लिए बेहतर होता है ,यदि लहसुन का ज्यादा उपयोग किया जाता हैं तो इससे ब्लीडिंग जैसी परेशानियों का सामना करना पड सकता है।
लहसुन को खाने का सही तरीका सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी के साथ लहसुन का सेवन करें ,ये स्वस्थ्य से सम्बंधित परेशानियों को नियंत्रित करता हैं और साथ ही त्वचा से संबंधित रोगो के लिए भी उपयोगी माना जाता हैं।