उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के बुनकरों के लिए बिजली के लिए अनुदान देने की व्यवस्था कर रही है। एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इसके संदर्भ में शीर्ष अधिकारियों से चर्चा की गयी है। केंद्र एवं राज्य सरकारें किसानों के फायदे के लिए निरंतर प्रयासरत रही हैं।
खरीफ सीजन के दौरान प्राकृतिक आपदाओं से फसलों में काफी हानि हुई है। इसलिए विभिन्न राज्य सरकारों ने अपने राज्य के पीड़ित किसानों की आर्थिक सहायता भी की है।
फसल में हानि होने की स्थिति पर किसान भी आर्थिक सहायता पाने की आशा राज्य सरकारों से होती है। केंद्र व राज्य सरकार उनकी पूर्ण सहायता करती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार भी ऐसा ही बड़ा कदम उठाने वाली है।
मीडिया की खबरों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य के बुनकरोें को अनुदान पर विघुत देने की पहल की जा रही है। हाल में उन्होंने विघुत अधिकारियों को बिजली चोरी पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश पारित किए थे।
इससे बुनकरों की आमदनी बढ़ेगी एवं इसी आमदनी से करघों को बिजली के बिल पर अनुदान दिया जाएगा। इसकी सहायता से बुनकरों का आर्थिक तौर पर विकास हो पायेगा।
ये भी पढ़ें: 7 लाख से ज्यादा किसानों का बिजली बिल शून्य
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया है कि यूपी में ढाई लाख से ज्यादा बुनकर पॉवरलूम से जुड़े हुए हैं। बुनकरों के जीवन का यह सर्वोच्च साधन है। जिसे प्रदेश में बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
इस व्यवसाय को प्रोत्साहन देने हेतु बुनकरों को अनुदान पर बिजली मुहैय्या कराई जाए। बताया गया है, कि मुख्यमंत्री जी ने बुनकरों को विघुत अनुदान दिए जाने हेतु शीर्ष अधिकारियों से विस्तृत रूप से चर्चा की है। इसके परिणाम बेहद अच्छे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य सरकार सौलर पैनल स्थापित करने हेतु 30 हजार रुपये तक की धनराशि अनुदान बतौर उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का कहना है कि मऊ, गोरखपुर, मेरठ, अंबेडकरनगर, वाराणसी में बड़ी तादात में लोग बुनकर व्यवसाय से जुड़ गए हैं।
बुनकरों के हित में प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सौलर पैनल लगवाने पर प्रदेश सरकार अनुदान प्रदान कर रही है।
ये भी पढ़ें: सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई गयी मुख्य योजनाएँ
इसका प्रचार प्रसार किया जाना जरुरी है। ज्यादा से ज्यादा बुनकर नवीन तकनीक अपनाएं एवं अपने उत्पाद एवं डिजाइन में बेहतरी लाकर उन्हें विश्वस्तरीय बनाने का प्रयास करें। इससे प्रदेश की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो पाएगी।