अगर आपके खेत में अनाज नहीं उगता है जमीन का पानी खत्म हो गया है। मिट्टी में अधिक नमक है तो चिंतित मत हो । ऐसी जमीन पर वर्ष में लाखों रुपये भी कमा सकते हैं।
पानी की जांच करने की पहली आवश्यकता है। पानी में पांच पीपीटी होने पर, आपकी जमीन नोट उगलने के लिए तैयार है।
झींगा पालन करने के लिए जमीन ऐसी होनी चाहिए जो अनाज फूटने को तैयार नहीं है।
एक हेक्टेयर जमीन पर एक वर्ष में दो झींगा की फसल तैयार कर सकते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि झींगा पालन के लिए प्राकृतिक रूप से खारी जमीन और खारा पानी चाहिए।
यह पानी एवन क्वालिटी का झींगा बनाता है। विदेशों में इसकी खूब मांग होती है। केंद्रीय सरकार भी घरेलू झींगा की मांग को बढ़ाना चाहती है।
गुजरात और आंध्रा प्रदेश में शानदार झींगा उत्पादन होता है। लेकिन अब उत्तरी भारत के चारा राज्यों पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान में झींगा पालन को बढ़ावा देने की योजना है।
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खारे पानी में झींगा के अलावा कुछ मछलियों की भी प्रजातियाँ पाली जा सकती हैं।
यदि झींगा की बाजार में मांग कम है या कीमत अच्छी नहीं मिल रही है, तो तालाब में अन्य खारे पानी में पाली जाने वाली मछलियों की भी खेती की जा सकती है।
डॉ. मनोज ने यह भी बताया कि उत्तरी भारत के राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, और हरियाणा में झींगा पालन को बढ़ावा देने से किसानों को काफी लाभ हो सकता है।
वर्तमान में पंजाब में करीब 7,000 टन झींगा उत्पादन हो रहा है, जिसे बढ़ाकर 18,000 टन करने की योजना है।