बादाम की खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
By : Tractorbird News Published on : 10-Feb-2025
बादाम बेहद ही पौष्टिक ड्राई फ्रूट है। बादाम का सेवन करने से शारीरिक शक्ति के साथ साथ मानसिक शक्ति भी काफी बढ़ती है।
बादाम की प्रमुख रूप से खेती ठंडे प्रदेश जैसे कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड आदि में होती है।
हालाँकि, वर्तमान में बादाम की खेती उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी देखने को मिल रही है।
ट्रैक्टरबर्ड के इस लेख में आज हम आपको बादाम की खेती से जुड़ी कुछ खास जानकारी प्रदान करेंगे।
बादाम की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
- बादाम की खेती के लिए एकसार, बलुई, दोमट चिकनी मिट्टी और गहरी उपजाऊ मिट्टी सबसे ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है।
- बादाम की खेती के लिए समुचित जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है।
बादाम की खेती के लिए आवश्यक जलवायु
बादाम की खेती के लिए गर्मी के दिनों में 30 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत पड़ती है।
बादाम की उन्नत किस्में
बादाम की उन्नत किस्मों में कैलिफोर्निया पेपर सेल, नान पेरिल, ड्रेक, थिनरोल्ड, आई.एक्स.एल., नीप्लस अल्ट्रा आदि बादाम की प्रमुख किस्में हैं।
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बिजाई
- बादाम की रोपाई से पूर्व लगभग 3 फुट लंबे & 3 फीट चौड़े और 3 फीट गहरे गड्ढे सितंबर से अक्टूबर के बीच तैयार कर लेने चाहिए।
- पौधरोपण के दौरान पक्तियों में पौधे का पौधे के बीच फासला लगभग 5 मीटर तक होना चाहिए। बादाम के पौधों को फरवरी से मार्च तक गड्ढे के बीच में लगाना चाहिए।
सिंचाई
- बादाम की खेती के लिए गर्मियों के समय प्रत्येक 10 दिन में सिंचाई करनी बेहद आवश्यक है।
- वहीं, अगर हम बादाम की शर्दियों में सिंचाई की बात करें तो 20-25 दिन के समयांतराल में बादाम की सिंचाई करनी चाहिए।
- बादाम के पौधों को हवा से सुरक्षित रखने के लिए बांस का इस्तेमाल करना चाहिए।
बादाम की खेती में खरपतवार नियंत्रण
- बादाम की खेती में खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई का कार्य कर खरपतवार को खेत से बाहर कर देना चाहिए।
- बादाम के पौधे की पहली निराई रोपण के 10 से 15 दिन और दूसरी निराई 25 से 35 दिन के बाद करनी चाहिए।
बादाम की तुड़ाई
- बादाम के पौधे रोपण के 3 साल बाद फल देना प्रारंभ कर देते हैं। बादाम को तोडाई के बाद छाया में सुखाकर गिरी को फली से अलग कर दें।
- बादाम के एक पेड़ से औषतन 2 से 2.5 किलोग्राम सूखे बादाम प्रति पेड़ हर साल हांसिल हो जाते हैं।
बादाम की तुड़ाई के बाद
- बादाम की तुड़ाई के बाद किसान इसको काफी अच्छी कीमत पर मंडियों या लोकल बाजार में भी बड़ी आसानी से बेच सकते हैं।
- मांग अधिक और आपूर्ति कम होने की वजह से बाजार में इसकी कीमत 600 रुपए से 1000 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास है।
निष्कर्ष -
बादाम की खेती किसानों के लिए सोने पर सुहागा है। वह इस लिए क्योंकि इसकी बाजार में मांग और कीमत दोनों ही काफी अच्छी हैं।
बादाम का उत्पादन करके किसान काफी अच्छा मुनाफा हांसिल कर सकते हैं।