अशोक एक लाभदायक और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण पेड़ है। अशोक के पेड़ को धार्मिक, औषधीय और सजावटी महत्व के होते बहुत अधिक उपयोग किया गया है।
अशोक के पेड़ का वैज्ञानिक नाम Saraca asoca है। इस लेख में हम आपको अशोक की छाल का उपयोग, अशोक के पेड़ के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी देंगे।
अशोक का पेड़ एक सजावटी और औषधीय पेड़ है। अशोक का पेड़ देखने में बहुत सुन्दर होता है। इस पेड़ की जानकारी निम्नलिखित दी गयी है -
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अशोक के पेड़ का इस्तेमाल कई प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानो और सांस्कृतिक कार्यकर्मों के लिए किया जाता हैं, अशोक के पेड़ के महत्व निम्नलिखित हैं -
1.अशोक के पेड़ का हिंदू धर्म में पूज्यनीय महत्व - पौराणिक ग्रंथो में विवरण हैं कि देवी सीता अशोक वाटिका में इसी पेड़ के नीचे बैठी थी, जिस कारण यह वृक्ष "अशोक" कहलाया (अर्थ: ‘शोक रहित’ या दुख को हरने वाला)।
2.अशोक के पेड़ का उपयोग पूजा-पाठ और व्रत में किया जाता है।
3.अशोक के पेड़ को मंदिरों और तीर्थ स्थलों में बोया जा सकता है।
अशोक के पेड़ के हर भाग जैसे कि अशोक की छाल ,फूल, पत्तियाँ और अर्क का उपयोग आयुर्वेद में औषधीय रूप में किया जाता है, अशोक पेड़ के हर भाग का उपयोग निम्नलिखित है -
1.अशोक की छाल का उपयोग स्त्रियों के गर्भाशय विकार, मासिक धर्म अनियमितता में बहुत लाभदायक माना जाता है।
2.अशोक के फूल का इस्तेमाल रक्तस्राव और मूत्र रोगों के उपचार के लिए किया जाता है।
3.अशोक की पत्तियाँ का उपयोग लेप के रूप में त्वचा रोगों के इलाज के लिए लाभकारी माना जाता है।
4.अर्क के पत्तियों का अर्क टॉनिक और रक्तशुद्धि के लिए उपयोगी माना जाता है।
5.अशोक की छाल से बनने वाली औषधियाँ जैसे "अशोकारिष्ट" आयुर्वेद में बहुत प्रसिद्ध है।
अशोक की खेती के लिए उपयुक्त तापमान 16 से 32 डिग्री सेल्सियस तक अच्छा माना जाता है। अशोक के पेड़ को वसंत के मौसम में उगाया जाता है।
इसकी खेती के लिए अछि जलनिकासी वाली चिकनी दोमट मिट्टी में अच्छे से की जाती है। मिट्टी उपजाऊ और कार्बनिक पदार्थों से भरपूर होनी चाहिए।