किसी भी भूमि और जलवायु में की जा सकती है अरंडी की खेती

By : Tractorbird News Published on : 23-Aug-2023
किसी

अरंडी एक व्यवसायिक फसल है इसकी खेती तेल के उत्पादन के लिए की जाती है। अरंडी की खेती के लिए ज्यादा संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती है। इसकी खेती हर प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। इसकी खेती के लिए कोई उपयुक्त जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है। पीएच 6 मान की भूमि इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। 

पीएच मान 6 की मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। जिस भी खेत में किसान इस फसल की खेती कर रहे हो, उसमें जलनिकासी की व्यवस्था काफी बेहतर होनी चाहिए. सामान्य के साथ-साथ आर्द्र और शुष्क तापमान में इसके पौधे के विकास पर कोई असर नहीं पड़ता है। इसकी खेती करना अन्य पारंपरिक फसलों के मुकाबले बेहद सस्ता है। 

अरंडी का इस्तेमाल किस काम के लिए किया जाता है?

आप की जानकारी के लिए बता दें की इसके बीजों का इस्तेमाल तेल बनाने के लिए किया जाता है। इससे कपड़े की डाई और साबुन, औषधीय तेल और बच्चों को मालिश करने वाले तेलों के प्रोडक्ट को तैयार करने में उपयोग किया जाता है। 

अरंडी के तेलों पर किसान अच्छी कीमत इसलिए भी हासिल कर सकता है क्योंकि इसे स्टोर करना काफी आसान है। शून्य तापमान में ये तेल जमता नहीं है। 

ये भी पढ़ें: हींग की खेती में आई तेजी से हो रहा किसानों को लाखों का फायदा

खेती करने का तरीका 

किसान इसकी खेती दो माध्यमों से कर सकते हैं। पहली विधि में किसान नर्सरी में पौधे तैयार करके इसका रोपण खेत में कर सकते हैं। दूसरी विधि में किसान बीज को सीधा खेत में ड्रिल के माध्यम से बोया जा सकता है। 

बुवाई के लिए बीज 

इसकी खेती के लिए प्रति एकड़ करीब 8 किलोग्राम बीजों की जरूरत पड़ती है। इसकी रोपाई करने से पहले किसान खेतों की दो-तीन गहरी जुताई अच्छे से कर लें। रोपाई के 120 से 130 दिनों में ही यह फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। 

अरंडी की खेती से कितना मुनाफा होता है?

इसकी खेती से अच्छा मुनाफा होता है। क्योंकि इसके तेलों का निर्यात विदेशों में भी होता है। एक एकड़ में किसान आराम से 1 लाख रुपये तक का मुनाफा हासिल कर सकता है।

Join TractorBird Whatsapp Group

Categories

Similar Posts

Ad