Direct Seeding of Rice - इस विधि से धान की बुवाई करने के फायदे क्या है ?

By : Tractorbird News Published on : 07-Jun-2024
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धान की सीधी बुवाई (Direct Seeding of Rice - DSR) एक ऐसी तकनीक है जिसमें धान के बीजों को सीधे खेत में बोया जाता है, बिना उन्हें नर्सरी में उगाने और फिर रोपने की प्रक्रिया के, ये धान बुवाई की आधुनिक तकनीक है। 

यह पारंपरिक पद्धति से अलग है, जिसमें पहले धान के पौधे नर्सरी में उगाए जाते हैं और फिर उन्हें मुख्य खेत में रोपा जाता है। 

धान की सीधी बुवाई से कई लाभ होते हैं। इस लेख में आप धान की सीधी बुवाई से होने वाले लाभ के बारे में जानेंगे।

धान की सीधी बुवाई से होने वाले लाभ 

1. पानी की बचत 

  • धान की सीधी बुवाई में कम पानी की आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें खेत को बार-बार जलमग्न करने की जरूरत नहीं होती। 
  • यह तकनीक पानी के संकट से जूझ रहे क्षेत्रों में विशेष रूप से लाभकारी है। इस विधि में बीजों की बुवाई के लिए खेत में केवल पर्याप्त नमी होना आवश्यक है। 
  • अगर खेत में नमी ना हो तो पलेवा करके धान की बुवाई करे। सीधी बुवाई के दौरान जल प्रबंधन आसान होता है और सिंचाई की मात्रा को नियंत्रित करना आसान होता है। 
  • इससे जल का सही उपयोग सुनिश्चित होता है।

2. श्रम की बचत 

पारंपरिक पद्धति की तुलना में धान की सीधी बुवाई में कम श्रम की आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें रोपाई की प्रक्रिया नहीं होती। 

इससे श्रम लागत में कमी आती है और समय की भी बचत होती है। खेत में पानी भी नई खड़ा करना पड़ता जिससे की इसकी बुवाई में समय नई लगता। 

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3. मिट्टी का संरक्षण 

सीधी बुवाई के दौरान खेत में कम जुताई होती है, जिससे मिट्टी की संरचना बनी रहती है और मिट्टी का क्षरण कम होता है। 

इससे मिट्टी की उर्वरता और स्थायित्व में सुधार होता है। 

4. जलवायु परिवर्तन के अनुकूल

  • पानी की कम आवश्यकता और ग्रीनहाउस गैसों के कम उत्सर्जन के कारण धान की सीधी बुवाई जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होती है। 
  • इसमें मीथेन गैस का उत्सर्जन कम होता है, जो धान के खेतों में आमतौर पर अधिक होता है। 
  • खेत में समय समय पर सिंचाई नहीं करनी पड़ती है जिससे मिट्टी का कटाव भी बहुत कम होता है। 

5. फसल चक्र में आसानी 

  • धान की सीधी बुवाई से फसल चक्र में आसानी होती है क्योंकि इसमें कम समय लगता है। 
  • इससे किसान एक ही मौसम में दो या अधिक फसलें उगा सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सकती है। 
  • जमीन की उर्वरा शक्ति भी बानी रहती है जिससे की अच्छा उत्पादन होता है।

6. कीट और रोग प्रबंधन

  • सीधी बुवाई में कीट और रोगों का प्रकोप कम होता है क्योंकि इसमें जलभराव कम होता है, जो कीट और रोगों के विकास के लिए अनुकूल होता है। 
  • रोपाई वाली धान की तुलना में इस विधि में आसानी से कीटों और रोगो को नियंत्रित किया जा सकता है। पानी भराव ना होने की वजह से रोग और किट खेत में ज्यादा फलते भी नहीं है।

7. उपज में वृद्धि 

कई अध्ययनों से पता चला है कि धान की सीधी बुवाई से उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है। यह तकनीक सही तरीके से अपनाने पर अच्छी उपज दे सकती है।

8. विविधता और उन्नति 

धान की सीधी बुवाई में विभिन्न प्रकार की धान की किस्में उगाई जा सकती हैं, जो जलवायु और मिट्टी के विभिन्न प्रकारों के लिए उपयुक्त हो सकती हैं।

9. कम लागत 

सीधी बुवाई में लागत कम होती है क्योंकि इसमें रोपाई, नर्सरी प्रबंधन, और अतिरिक्त श्रम की आवश्यकता नहीं होती। 

इससे किसानों की उत्पादन लागत में कमी आती है।

10. जैव विविधता का संरक्षण

सीधी बुवाई में खरपतवार प्रबंधन आसान होता है, और जैव विविधता का संरक्षण भी संभव होता है क्योंकि इसमें रासायनिक कीटनाशकों और उर्वरकों का कम उपयोग होता है।

इन सभी लाभों के कारण धान की सीधी बुवाई एक प्रभावी और लाभकारी तकनीक मानी जाती है। यह न केवल किसानों की उत्पादन लागत को कम करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करती है।

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