जीएम सरसों की बुवाई से किसानों को होगा फायद, बढ़ेगी उत्पादकता

By : Tractorbird News Published on : 25-Jan-2024
जीएम

वर्तमान में देश में जीएम सरसों (जेनेटिकली मॉडिफाइड सरसों) की व्यवसायिक खेती पर चर्चा हो रही है। केंद्र सरकार ने इसकी व्यवसायिक खेती को मंजूरी देने के बाद से इस पर चर्चा की है। 

हाल ही में सुप्रिम कोर्ट में भी इस पर बहस हुई। लेकिन जीएम सरसों क्या है और इसके लाभ क्या हैं, यह जानना महत्वपूर्ण है। दरअसल, पिछले साल केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की बायोटेक नियामक जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी ने जीएम सरसों की व्यवसायिक खेती को मंजूरी दी, जो इस बहस का कारण बन गया। 

कमीटी के निर्णय का विरोध करने के लिए कई किसान समूहों, एनजीओ और पर्यावरण संगठनों ने आवाज उठाई। विरोधी संगठनों का कहना है कि भारत में जीएम सरसों की खेती को नुकसान पहुंचेगा। 

विशेषज्ञों का कहना है कि इससे उत्पादकता में वृद्धि होगी और किसानों को काफी लाभ मिलेगा। इसकी खेती कई देशों में सफलतापूर्वक की जा रही है।

क्या होती है जेनेटिकली मॉडिफाइड सरसों ?

जेनेटिकली मॉडिफाइड सरसों (जीएम सरसों) दो अलग-अलग पौधों की किस्मों को मिलाकर बनाया गया है। इसका अर्थ है कि यह लैब-तैयार हाइब्रिड वेरायटी है। इसका उत्पादन अधिक रहता है और रोग लगने का खतरा कम है। 

ऐसी क्रॉसिंग से मिलने वाली फर्स्ट जेनरेशन हाइब्रिड वेरायटी की उपज मूल किस्मों की तुलना में अधिक होने की संभावना अधिक है। सरसों के साथ ऐसा करना कठिन था। इसकी वजह यह है कि इसके फूलों में दोनों प्रजनक ऑर्गन होते हैं। 

यानी सरसों का पौधा खुद ही पोलिनेशन कर लेता है। किसी अन्य पौधे से परागण की आवश्यकता नहीं होती। ऐसे में कपास, मक्का या टमाटर की तरह सरसों की हाइब्रिड किस्म तैयार करने का चांस काफी कम हो जाता है। 

जीएम सरसों उगाने के फायदे

  • उत्पादकता में वृद्धि : विरोधियों का दावा है कि जीएम सरसों, विशेष रूप से धारा सरसों हाइब्रिड (DMC-11) में सरसों की फसल की पैदावार को काफी बढ़ाने की क्षमता है। इससे भारत में सरसों की खेती में कम उत्पादकता की समस्या से निपटने में मदद मिल सकती है।
  • आयात निर्भरता में कमी: जीएम सरसों घरेलू सरसों तेल उत्पादन को बढ़ाकर भारत की आयात निर्भरता को कम कर सकता है। इससे विदेशी मुद्रा की बचत और खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ सकती है। 
  • फसल सुरक्षा: रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता कम हो सकती है जब कीटों और बीमारियों को आनुवंशिक संशोधन से प्रतिरोध मिलता है। इससे टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल कृषि प्रणालियों को बढ़ावा मिल सकता है। 
  • बेहतर तेल गुणवत्ता: GM सरसों को विशिष्ट गुणों वाले तेल (कम इरुसिक एसिड सामग्री और बेहतर शेल्फ जीवन) बनाने के लिए इंजीनियर किया जा सकता है, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होगा। 
  • संकर किस्में: जीएम सरसों, डीएमएच-11 की तरह, संकर (हाइब्रिड) किस्मों (उच्च उपज और एकरूपता) को विकसित करने की क्षमता प्रदान करती है। 





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