टिश्यू कल्चर तकनीक से ली जा सकती है केले की अधिक पैदावार

By : Tractorbird News Published on : 15-Jan-2024
टिश्यू

भारत में प्रमुख तौर पर केले की खेती की जाती है। अब टिश्यू कल्चर तकनीक से किसान भाई केले उगा सकते हैं। इससे कृषकों की आय काफी बढ़ जाएगी। फल की गुणवत्ता भी अच्छी होगी। सब्जी से लगाकर चिप्स बनाने तक केले की बहुत मांग होती है। 

अब किसान भाई इसकी खेती कर बहुत बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन किसान भाई टिश्यू कल्चर तकनीक का उपयोग करके केला उत्पादन कर सकते हैं। यहां आपको टिश्यू कल्चर तकनीक से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी। 

टिश्यू कल्चर तकनीक से केला उत्पादन 

टिश्यू कल्चर तकनीक का उपयोग करके केले की खेती करना बहुत फायदेमंद हो सकता है। इस तकनीक से बनाए गए पौधे रोगमुक्त और समान होते हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता और पैदावार में सुधार होता है। इसमें एक खास माध्यम से पौधे का एक छोटा टुकड़ा बनाया जाता है। 

इस प्रक्रिया में हार्मोन और पोषक तत्व होते हैं जो पौधे की कोशिकाओं को अधिक तीव्रता से विभाजित करने में मदद करते हैं। पौधे महीने भर में पर्याप्त विकसित हो जाते हैं और खेत में लगाए जा सकते हैं।

बिहार में टिश्यू कल्चर तरीके से खेती हो रही है 

इस विधि से केला उगाने से बिहार राज्य में केला उत्पादन में गुणवत्ता और आय दोनों बढ़ गए हैं। केले के पौधे का उत्पादन सूखा हुआ और रेतीली दोमट मिट्टी में बेहतर होता है। मृदा को पूरी तरह से ढीला करें और खरपतवार को बाहर निकालें।

टिश्यू कल्चर तकनीक के क्या लाभ हैं ?

  • टिश्यू कल्चर तकनीक से बनाए गए पौधे रोग से मुक्त होते हैं, जो फसल को बीमारियों से बचाता है।
  • टिश्यू कल्चर तकनीक से उत्पादित पौधे एक जैसे आकार के होते हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता में काफी सुधार होता है।
  • टिश्यू कल्चर तकनीक से बनाए गए पौधे आम तरीके से तैयार किए गए पौधों की तुलना में ज्यादा जल्दी फल देते हैं।





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