56 वर्षीय किसान प्रभु शर्मा केवल एक बीघे भूमि में पपीता समेत विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती कर रहे हैं। उनका कहना है, कि वे पांच साल से बागवानी कर रहे हैं।
लोगों को लगता है, कि बिहार के किसान अब भी पूर्व की भाँति केवल पारंपरिक फसलों की ही खेती करते हैं। परंतु, ऐसी कोई बात नहीं है बिहार के किसान अब दूसरे राज्यों के कृषकों की भांति ही सेब, संतरा, पपीता, आम, अमरूद, अनार और आंवला सहित विभिन्न प्रकार की सब्जियों की भी खेती कर रहे हैं।
इससे किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी भी हुई है। बहुत सारे किसान बागवानी की वजह से गरीबी रेखा से बाहर निकल आए हैं और खुशहाल जीवन जी रहे हैं। आज हम एक ऐसे किसान के विषय में बात करेंगे, जिन्होंने अपने परिश्रम का लोहा राज्य सरकार को भी मनवा दिया है।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं बेगूसराय के सोंख पंचायत के रहने वाले प्रभु शर्मा के विषय में। उन्होंने अपने परिश्रम से लोगों के सामने मिसाल प्रस्तुत की है। वे पपीता एवं हरी सब्जी की खेती से पूर्व की तुलना में 10 गुना ज्यादा आमदनी कर रहे हैं। उनकी गिनती वर्तमान में प्रगतिशील किसानों के रूप में होती है। प्रभु शर्मा ने बताया है, कि पहले वे पारंपरिक फसलों की खेती करते थे।
इससे उन्हें उतनी अच्छी आमदनी नहीं हो रही थी। ऐसे में उन्होंने बागवानी में हाथ अजमाने का मन बनाया। इसके लिए उन्होंने विद्यान विभाग के कार्यालयों का चक्कर भी लगाया, लेकिन वहां से उन्हें कोई सहायात नहीं मिली. प्रभु शर्मा को उद्यान निदेशालय से किसी तरह की सब्सिडी नहीं मिली. ऐसे में उन्होंने पड़ोसियों से कर्ज लेकर बागवानी चालू कर दी।
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प्रभु शर्मा का कहना है, कि वह वर्ष में पपीता बेचकर 1.80 लाख रुपये की आमदनी कर लेते हैं। इसी प्रकार वह सब्जी बेचकर 40 हजार रुपये की आमदनी कर लेते हैं। मतलब कि वह केवल एक बीघे जमीन में खेती कर 2 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी कर रहे हैं। वर्तमान में दूसरे किसान भी प्रभु शर्मा से बागवानी की बारीकी सीख रहे हैं।
प्रभु शर्मा 10 कट्टे में पपीता एवं 10 कट्टे में तोरई , बैगन और भिंड़ी समेत बाकी हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं। उनकी माने तो एक बीघे में बागवानी करने के लिए उनको 40 हजार रुपये का खर्चा करना पड़ता है। परंतु, कमाई कई गुना ज्यादा होती है।
प्रभु शर्मा ने बताया है, कि बागवानी की खेती में मुनाफा तो काफी है, परंतु यह एक जोखिम पूर्ण व्यवसाय है। बहुत बार सब्जियों एवं पपीते के पौधों में रोग भी लग जाते हैं। परंतु, सही ढ़ंग से कीटनाशकों का छिड़काव कर इन रोगों से बचा जा सकता है।