एवोकाडो की खेती कैसे की जाती है ?

By : Tractorbird News Published on : 06-Dec-2024
एवोकाडो

आज हम ट्रैक्टरबर्ड के इस लेख में एवोकाडो के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। भारतीय किसान खेती से अधिक मुनाफा कमाने के लिए आधुनिकता और विदेशी फलों की खेती की तरफ काफी ज्यादा रुख कर रहे हैं। 

अब ऐसी स्थिति में किसान कम समयावधि में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए एवोकाडो की ही भांति विदेशी फलों की खेती कर रहे हैं। 

यह फल विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिससे देश में इसकी काफी लोकप्रियता बढ़ रही है। 

एवोकाडो को सेहत के लिए काफी ज्यादा लाभदायक माना जाता है, इसमें विटामिन बी, सी, ई, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फाइबर जैसे विभिन्न पोषक तत्व पाए जाते हैं। 

एवोकाडो में प्रोटीन 4% प्रतिशत और वसा 30% प्रतिशत होता है। 

लेकिन, इसमें कार्बोहाइड्रेट की काफी कम मात्रा पाई जाती है। यह फल किसी भी फल के मुकाबले में ज्यादा ऊर्जा वाला होता है। 

एवोकाडो के पौधे के लिए जलवायु व तापमान कैसा होना चाहिए ?

  • एवोकाडो के पौधे के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच वाली मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें यह पनपते हैं। 
  • वहीं, 10 डिग्री से नीचे और 30 डिग्री से ऊपर का तापमान इसकी जड़ के विकास में बाधा डाल सकता है। 
  • वैसे, तो एवोकाडो फल की खेती मेक्सिको और मध्य अमेरिका में की जाती है। परंतु, 30 डिग्री सेल्सियस में भी भारत के विभिन्न राज्यों के किसान इस फल की खेती कर रहे हैं और सफल भी हो रहे हैं। 
  • तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और पूर्वोत्तर हिमालयी राज्यों के क्षेत्र में हर वर्ष लगभग 7000 टन एवोकाडो की पैदावार की जाती है। 

ये भी पढ़ें: चेरी टमाटर की खेती कैसे करें?

एवोकाडो की कौन-कौनसी किस्में उपलब्ध हैं ?

  • प्रमुख रूप से एवोकाडो की तीन प्रजातियां हैं, जिनमें वेस्ट इंडियन, ग्वाटेमाला एवं मैक्सिकन हैं। भारत देश के अंदर इनका परीक्षण भी किया गया है। 
  • विश्वभर में इस फल की 100 से ज्यादा किस्में पाई जाती हैं। लेकिन, अगर हम इसकी मुख्य किस्मों की बात करें, तो इसमें ग्रीन टाइप, पुयेवला, गॉट-फ्राइड फ्यूरेट, पर्पल, टीकेडी-1, नाबाल, लिंडा, पोलक, वाल्डिन, अर्का सुप्रीम और हैस आदि शामिल हैं। 

एवोकाडो की बुवाई कब करनी चाहिए ?

  • एवोकाडो के पौधे की बुवाई मार्च-अप्रैल के बीच करनी अच्छी होती है, क्योंकि इस दौरान मौसम और जलवायु अच्छे रहता है। 
  • इसकी बुवाई के लिए योग्य पौधें का चयन काफी ज्यादा जरूरी होता है। एवोकाडो वृक्ष के बीजों को पहले निकालकर रखना चाहिए और उन्हें जड़ में मिला लेना चाहिए। 
  • किसान इसके पौधे की बुवाई के पश्चात पर्यापन देना होता है, जिससे पौधा ठीक से विकसित हो सकें। 

एवोकाडो की कीमत कितनी होती है ?

  • जानकारी के लिए बतादें, कि भारत में एवोकाडो फल के तकरीबन 1 किलोग्राम की कीमत 200 से 300 रुपये के बीच हो सकती है। 
  • इस फल की कीमत इसके प्रकार और गुणवत्ता पर भी काफी ज्यादा निर्भर होती है। कहीं, इस फल का मूल्य अधिक तो कहीं काफी कम भी हो सकता है। 

एवोकाडो से प्रति हेक्टेयर कितने टन तक उपज होती है ?

अगर हम बात करें एवोकाडो की खेती से कितनी उपज होगी तो यह इसके कारकों पर काफी निर्भर करते हैं। 

इसमें बीज का प्रकार, खेती की तकनीक और जल सप्लाई भी शामिल हैं। अगर किसान सही ढ़ंग से इस फल की खेती करते हैं, तो प्रति हेक्टेयर से तकरीबन 10 से 20 टन उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। 

बतादें, कि एवोकाडो के पेड़ बड़े होते हैं और इनकी अच्छे तरीके से देखभाल करना काफी ज्यादा जरूरी होता है।

Join TractorBird Whatsapp Group

Categories

Similar Posts