काली हल्दी की खेती कैसे होती है? इसकी खेती से किसान कमा सकते है लाखों का मुनाफा

By : Tractorbird News Published on : 30-Aug-2024
काली

काली हल्दी एक मूल्यवान जड़ी-बूटी है जिसकी मांग दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। इसका वानस्पतिक नाम curcuma cacia है व अंग्रेजी में ब्लेक जे डोरी भी कहा जाता है। 

काली हल्दी का पौधा तना रहित 30 – 60 से.मी. ऊँचा होता है साथ ही इसकी पत्तियां चौड़ी गोलाकार और उपरी स्थल पर नील बैंगनी रंग की मध्य शिरा युक्त होती है। 

इसकी खेती करने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। आइए, काली हल्दी की खेती के बारे में विस्तार से जानते हैं:   

मिट्टी और जलवायु

  • जलवायु: गर्म और आर्द्र जलवायु काली हल्दी की खेती के लिए उपयुक्त होती है। इसकी खेती के लिए तापमान 15 से 40 डिग्री सेन्टीग्रेट होना चाहिए। 
  • मिट्टी: काली हल्दी के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में जैविक पदार्थ होना चाहिए।  

बीज का चयन और तैयारी

  • बीज का चयन:  बीज के रूप में स्वस्थ और रोगमुक्त कंदों का चयन करें। 
  • बीज की तैयारी: बीजों को रोपण से पहले 2-3 दिनों के लिए पानी में भिगो दें।

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खेत की तैयारी  

  • जमीन को जोतना: खेत को अच्छी तरह से जोतकर तैयार करें।
  • खाद:  खेत में पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद या कंपोस्ट खाद मिलाएं।         

रोपण

  • कतारों में रोपण:  कतारों में 25-30 सेंटीमीटर की दूरी पर और पौधों के बीच 20-25 सेंटीमीटर की दूरी पर बीज बोएं।
  • गहराई:  बीज को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई में बोएं।

सिंचाई

नियमित सिंचाई: खेत को हमेशा नम रखें, लेकिन जलभराव न होने दें। इसके लिए अतिरिक्त सिंचाई की आवश्यकता नहीं है, लेकिन हल्दी की खेती लंबी होती है, इसलिए बरसात के बाद दो सिंचाई की जरूरत होती है।

कटाई

  • कटाई का समय: फसल लगाने के लगभग 9-10 महीने बाद कटाई कर सकते हैं।
  • कटाई का तरीका: पौधों को जड़ सहित निकालकर धूप में सुखाएं।

सुखाने और भंडारण

  • सुखाना: सूखने के बाद कंदों को छायादार जगह पर अच्छी तरह सुखा लें।
  • भंडारण:  सूखे हुए कंदों को हवाबंद डिब्बे में भरकर ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें।

काली हल्दी की खेती के फायदे

  • उच्च कीमत:  काली हल्दी की बाजार में काफी मांग है और इसकी कीमत भी अधिक होती है।
  • औषधीय गुण: काली हल्दी में कई औषधीय गुण होते हैं, जिसके कारण इसकी मांग बढ़ती जा रही है।
  • पर्यावरण के लिए फायदेमंद: काली हल्दी की खेती पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं होती है।

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