क्लियोम एक सुंदर और रंगीन फूलों वाला पौधा है, जिसे विशेष रूप से बागवानी में सजावट के लिए उगाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Cleome hassleriana है।
यह पौधा गर्मी के मौसम में तेजी से बढ़ता है और इसे सजावटी पौधे के रूप में बगीचों में लगाया जाता है।
इसके फूलों की रंगों में विविधता होती है, जैसे गुलाबी, बैंगनी, सफेद और लैवेंडर। हालांकि इन फूलों से कोई विशेष खुशबू नहीं आती, फिर भी ये तितलियों, हमिंगबर्ड्स और अन्य फूलों से आकर्षित होने वाले जीवों को आकर्षित करते हैं।
क्लियोम की 100 से भी अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से कुछ किस्में बगीचों में उगाने के लिए उपयुक्त हैं।
क्लियोम की सी. हैसलेरियाना किस्म अपने रंग और फूल की गुणवत्ता के कारण सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसके प्रकार निम्नलिखित हैं:
यह क्लियोम की एक किस्म है, जिसमें सफेद फूल आते हैं। इस किस्म की बुवाई के बाद ज्यादा देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है।
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इस पौधे के फूल गुलाबी, हलके गुलाबी या बैंगनी रंग के होते हैं, और यह 12 से 18 इंच ऊँचा, कांटों और बिनाहीन होता है।
रोज क्वीन एक सुगंधित और आकर्षक नाम है, जो गुलाबी, सफेद, चेरी और बैंगनी रंगों में होता है। इसके प्रत्येक पत्ते के आधार पर कांटे उगते हैं।
यह एक झाड़ी जैसे पौधे है, जो सफेद या गुलाबी रंग के फूल देता है।
स्पिरिट सीरीज के पौधे 2 से 4 फुट तक ऊँचे होते हैं, और इनकी शाखाएँ अधिक होती हैं। इनमें कांटे और चिपचिपे पत्ते होते हैं। इनके फूल लैवेंडर, गुलाबी या सफेद रंग के होते हैं।
बुवाई के बाद, बीजों को नियमित रूप से पानी देना जरूरी होता है, लेकिन ध्यान रखें कि पानी ज्यादा न हो, क्योंकि इससे पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं।
बुवाई के 10-12 दिन के अंदर बीज अंकुरित हो जाते हैं और छोटी-छोटी पौधियाँ दिखने लगती हैं। इस दौरान, पौधों को पर्याप्त धूप और अच्छे जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है।
क्लियोम के पौधे बहुत ही कम देखभाल की मांग करते हैं। इसे पानी देने के साथ-साथ कभी-कभी पुराने फूलों को काट देना चाहिए ताकि पौधा नया फूल दे सके।
इसके अलावा, इसे कीटों से बचाने के लिए समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है।