सागर किंग तरबूज की खेती कैसे करें?

By : Tractorbird Published on : 09-May-2025
सागर

गर्मियों की शुरुआत होते ही भारत में किसान बड़े पैमाने पर तरबूज की खेती करते हैं। इस मौसम में इसकी मांग काफी अधिक होती है, जिससे किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। 

यदि तरबूज की खेती वैज्ञानिक और योजनाबद्ध तरीके से की जाए, तो यह एक लाभदायक व्यवसाय बन सकता है।

सागर किंग तरबूज की खेती के लिए उपयुक्त समय और लाभ

सागर किंग तरबूज की बुवाई का सही समय फरवरी से मार्च तक होता है। इस समय बोया गया तरबूज गर्मियों में पककर तैयार हो जाता है, जब इसकी खपत सबसे अधिक होती है। 

अन्य फलों की तुलना में तरबूज को कम समय, कम पानी और कम उर्वरकों की आवश्यकता होती है। गर्मियों में यह फल शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है, जिससे इसकी बाजार में भारी मांग बनी रहती है।

सागर किंग तरबूज की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

सागर किंग तरबूज की खेती के लिए गर्म और मध्यम आर्द्रता वाली जलवायु उपयुक्त मानी जाती है। 

इसका सर्वोत्तम तापमान 25 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। रेतीली और दोमट रेतीली मिट्टी इस फसल के लिए सबसे बेहतर होती है।

सागर किंग तरबूज की खेती में खेत की तैयारी

खेती शुरू करने से पहले खेत को अच्छे से जोता जाता है ताकि मिट्टी में मौजूद कीटों के अंडे और खरपतवार खत्म हो जाएं। इसके बाद हैरो की मदद से मिट्टी को भुरभुरा और समतल किया जाता है।

सागर किंग तरबूज की खेती नर्सरी और रोपाई

नर्सरी तैयार करने के लिए 200 गेज की पॉलिथीन बैग या संरक्षित नर्सरी ट्रे का इस्तेमाल किया जा सकता है। 

पॉलिथीन बैग में काली मिट्टी, बालू और गोबर की खाद को 1:1:1 के अनुपात में भरकर पौध तैयार किए जाते हैं। 12 दिन बाद इन पौधों को खेत में रोपित किया जाता है।

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सागर किंग तरबूज की खेती में पौधों की बुवाई

  • सागर किंग तरबूज की खेती में बुवाई से पहले खेत में ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगाई जाती है। क्यारियों की चौड़ाई 1.2 मीटर और ऊंचाई 30 सेमी रखी जाती है। 
  • हर 60 सेमी पर पौधे लगाए जाते हैं। बुवाई से पहले खरपतवार नियंत्रण के लिए पेंडीमिथालिन का छिड़काव किया जाता है।

सागर किंग तरबूज की खेती में खाद प्रबंधन

  • खेत की अंतिम जुताई से पहले 8 टन सड़ी हुई गोबर की खाद डालनी चाहिए। इसके साथ एजोस्पिरिलम, फॉस्फोबैक्टीरिया और स्यूडोमोनास जैसे जैविक तत्व भी मिट्टी में मिलाएं। 
  • जब फसल 10-20 दिन की हो जाए, तब 22-22 किलोग्राम यूरिया, फॉस्फेट और पोटाश डालें। यह पोषक तत्व ड्रिप फर्टिगेशन से भी दिए जा सकते हैं।

सागर किंग तरबूज की खेती में सिंचाई प्रणाली

ड्रिप सिंचाई के लिए मुख्य पाइप और पार्श्व पाइप का प्रयोग करें। ड्रिपर्स को 50 से 60 सेमी की दूरी पर रखें, जो 3.5 से 4 लीटर प्रति घंटा पानी की आपूर्ति करें। यह प्रणाली पानी की बचत के साथ पौधों को सटीक मात्रा में नमी देती है।

सागर किंग तरबूज की कटाई

फलों की कटाई तब की जाती है जब थपथपाने पर धीमी आवाज उत्पन्न होती है या फल की सतह जमीन पर हल्के पीले रंग का दिखाई देता है, ये तरबूज की कटाई का सूचकांक है।

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