इलायची का ज्यादातर उपयोग मुखसुद्धि के लिया किया जाता है। इलायची में बहुत से एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो की स्वास्थ्य से सम्बंधित परेशानियों में लाभकारी सिद्ध होती है। इलायची का पौधा ज्यादा समय तक जीवत रह सकता है। इलायची को इंग्लिश में कार्डामॉम के नाम से भी जाना जाता है।
इलायची ज्यादातर भारत के उन राज्यों में उगाई जाती है जहां सर्वाधिक वर्षा होती है। केरल ,कर्नाटक और महाराष्ट्र इन राज्यों में ज्यादातर वर्षा होने के कारण इलायची का ज्यादा उत्पादन किया जाता है। इलायची की खेती काली दोमट मिट्टी में की जाती है। इलायची की फसल के लिए 30-35 डिग्री तापमान की आवश्यकता रहती है।
इलायची मुख्य रूप से दो प्रकार की रहती है : छोटी इलायची और बड़ी इलायची। छोटी इलायची का ज्यादातर प्रयोग मिठाईओं में खुशबू के लिए किया जाता है ,लेकिन बड़ी इलायची का प्रयोग ज्यादातर मसालों में किया जाता है। इलायची का उपयोग हम माउथ फ्रेशनर के लिए भी कर सकते हैं।
इलायची में मैग्नीशियम , कैल्शियम ,डाइट्री फाइबर जैसे अन्य बहुत से तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन क्रिया में सहायता प्रदान करते हैं। खराब खानपान की वजह से पेट में गैस ,एसिडिटी,और कब्ज जैसी बीमारियाँ हो जाती है। इलायची का इस्तेमाल इन सभी रोगो में राहत दिलाने के लिए किया जाता है।
यदि किसी से बात करते-करते आपको हिचकी आने लगे तो इलायची इसमें फायदेमंद है। इलायची को मुँह में डालकर धीरे धीरे से चबाने से हिचकियों में आराम मिलता है।
अक्सर बदलते मौसम की वजह से लोगों को सर्दी जुखाम या गले में खरास की परेशानी होने लगती है। ज्यादातर ये बीमारी कम इम्मुनिटी वाले लोगों को बहुत जल्द पकड़ती है। इलायची का सेवन करने से सर्दी में होने वाली बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। इलायची को आयुर्वेदिक औषिधि में भी शामिल किया जाता है।
बहुत से लोगो को ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियाँ रहती है। इन बीमारियों को कम करने के लिए रोजाना इलायची का सेवन करना चाहिए। इलायची में मैग्नेसियम और पोटैसियम जैसे खनिज पाए जाते हैं ,जो इन सभी बीमारियों को कम करने में सहायक होते हैं।
इलायची के अंदर बहुत से तत्व ऐसे पाए जाते हैं, जो शरीर के अंदर होने वाली पचाव से सम्बंधित क्रिया को नियंत्रित करता है और खाने को पचाने में भी मदद करता है ,अगर पचाव अच्छे से होगा तो भूख अपने आप ही लगेगी। इसीलिए इलायची को भूख बढ़ाने में सहायक माना जाता है।
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इलायची से आने वाली सुगंध मूड को एकदम तरोताजा बनाये रखती है। इलायची की चाय पीने से पेट और सांसो की बीमारियों में फायदा मिलता है,साथ ही ये तनाव को दूर रखती है। इलायची डिप्रेशन के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हुई है।
इलायची के बहुत से फायदे हैं जो रोजाना की जीवन शैली में अपनी अहम् भूमिका निभाते हैं ,लेकिन इलायची खाने के कुछ नुक्सान भी हो सकते हैं या फिर बोल सकते हैं इन लोगों को इलायची का सेवन नहीं करना चाहिए
जो महिलाये गर्भ अवस्था में है वो माउथ फ्रेशनर के रूप में इलायची का उपयोग कर सकती है ,लेकिन इलायची का उपयोग वो किसी औषिधि के रूप में नहीं कर सकती है। अगर वो इस अवस्था में किसी दवाई के रूप में इलायची का उपयोग करती हैं तो वो उनके लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। किसी डॉक्टर से परामर्श लेकर इलायची का उपयोग किया जा सकता है।
जिन लोगो को पथरी से जुडी समस्याएँ है उन्हें इलायची का सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक मात्रा में इलायची का सेवन करने से पथरी का दर्द और भी बढ़ सकता है। अगर इलायची का उपयोग करना जरुरी है तो किसी डॉक्टर से परामर्श लेकर कर सकते है।
हालाँकि ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है की इलायची का सेवन करने से बहुत से लोगो को एलर्जी जैसी समस्याएँ हो जाती है। जिन लोगो को शरीर इलायची के प्रति संवेदनशील होता है उन्हें इलायची की खुशबू से भी एलेर्जी होने लगती है। अगर इलायची का सेवन करने से आपको खुजली या शरीर पर कही लाल चकते होने लगे तो इलायची का सेवन न करें।
इलायची का उपयोग बहुत से कार्यों में और बामरियों में किया जाता है ,ऐसे ही बड़ी इलायची का भी इस्तेमाल सब्जियों में मसालों के रूप में किया जाता है। दोनों ही इलायचियों के फायदे भी है तो साथ में नुक्सान भी। बड़ी इलायची का उपयोग ज्यादातर दांत में होने वाले दर्द ,हृदय से जुडी समस्याओं में सहायक साबित हुई है।