ठंड के समय में गुलाब को रोगों से ऐसे बचाएं ?

By : Tractorbird News Published on : 04-Dec-2024
ठंड

भारत के अलग-अलग हिस्सों में बड़े स्तर पर किसान गुलाब की खेती करते हैं। गुलाब की खेती एक अच्छी आमदनी का बेहतरीन स्त्रोत है क्योंकि, बाजार में गुलाब के फूलों की मांग सालभर बनी रहती है। 

सर्दियों के मौसम में यदि सही ढ़ंग से गुलाब के पौधों पर लगने वाले रोगों और कीटों का प्रबंधन किया जाए, तो शानदार उत्पादन हांसिल किया जा सकता है। 

गुलाब के पौधों की खेती के लिए विभिन्न तरह की बातों को ध्यान में अवश्य रखा जाना चाहिए। 

शर्दियों में तापमान काफी हद तक कम होने की वजह से पौधों का विकास बाधित होता है। दरअसल, यह इसी मौसम में ज्यादा पनपते हैं। 

गुलाब के फूल के लिए धूप का प्रबंधन अनिवार्य क्यों है ?

  • गुलाब के पौधों के बेहतरीन विकास के लिए उपयुक्त मात्रा में धूप की भी जरूरत पड़ती है। 
  • इस वजह से खेती की शुरुआत से पहले ऐसी जगह का चयन करें जहां प्रतिदिन न्यूनतम 5-6 घंटे धूप आती हो। 
  • सर्दियों के मौसम में धूप कम हो जाती है। इस वजह से पौधों की समय-समय पर कटाई-छंटाई करें, ताकि पौधों पर सही मात्रा में धूप पहुँच सके। 

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गुलाब की खेती के लिए कौन-सी बातों का ध्यान रखना जरूरी है ? 

  • किसान भाई गुलाब की खेती की देखभाल के लिए सबसे पहले मिट्टी में पोषक तत्वों की जांच करें। मृदा को सही तरीके से तैयार करलें। 
  • बतादें, कि मृदा अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए। अब इसके बाद यह सुनिश्चित करें कि मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 6.5 के आसपास है। 
  • इसके बाद किसान भाई मिट्टी में गोबर खाद मिलाएं। किसान भाई जब पौधों की सिंचाई करें तो यह ध्यान रखें कि पत्तियां ज्यादा गीली नहीं होनी चाहिए। 
  • इससे पत्तियों पर ब्लैक स्पॉट और पाउडरी फफूंदी जैसी बीमारियाँ अपना प्रभाव ना दिखा सकें।
  • कृषक भाई पौधों के चारों ओर मल्च की एक मोटी परत लगादें, जिससे मिट्टी में नमी भी बरकरार बनी रहे और मृदा भी गर्म बनी रहे, जिससे कि पौधे की जड़ें ठण्ड से बच सकें। 
  • पौधों में कम परंतु गहराई से पानी दें, सुबह पानी देना चाहिए। 

ठंड में गुलाब के पौधों में रोग और कीट प्रबंधन

  • शर्दियों में गुलाब की खेती की देखभाल के दौरान सबसे बड़ी चुनौती सर्दियों के मौसम में रस्त, आम, फंगल रोग, ब्लैक स्पॉट, पाउडरी फफूंद जैसी बीमारियों की होती है। 
  • इसलिए पौधों की स्वच्छता का खास तौर पर ध्यान इनसे बचाव के लिए रखना आवश्यक होता है। 
  • संक्रमित पौधों और पत्तियों या पत्तियों के मलबों को पौधों के आसपास से हटा दें। 
  • जैविक कवकनाशी या नीम के तेल का छिड़काव करने से भी पौधों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाया जा सकता है। 
  • किसान भाई पौधों को एक पर्याप्त दूरी पर लगाएं। सर्दियों के मौसम में स्पाइडर माइट्स, एफिड्स और थ्रिप्स पौधों को अधिक प्रभावित करती है। इसलिए उनका प्रबंधन भी काफी आवश्यक है।

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