गुलमेंहदी (Rosemary) एक सुगंधित जड़ी-बूटी है, जिसका वैज्ञानिक नाम *Rosmarinus officinalis* है।
यह पुदीना परिवार से संबंधित है। इसे मुख्य रूप से औषधीय, सौंदर्य उत्पादों और खाद्य सामग्री में उपयोग किया जाता है। गुलमेंहदी से इत्र, साबुन, और अन्य सुगंधित उत्पाद भी बनाए जाते हैं।
गुलमेंहदी का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जाता है:
- सिरदर्द, पेट दर्द, और जोड़ों के दर्द में लाभदायक।
- इसमें एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुण होते हैं।
- तनाव कम करने और पाचन सुधारने में सहायक।
- मांस, सूप और अन्य व्यंजनों में मसाले के रूप में प्रयोग होता है।
- इसका उपयोग ताजा और सूखी अवस्था में किया जा सकता है।
- गुलमेंहदी का तेल बालों की वृद्धि में सहायक और त्वचा को चमकदार बनाने में मदद करता है।
- इसे इत्र, साबुन और अन्य सुगंधित उत्पादों में भी शामिल किया जाता है।
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- भूमि को दो बार जोतकर भुरभुरा बनाएं। 2 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद और 500 किलोग्राम नीम की खली मिलाएं।
-30 सेमी ऊंची, 1.5 मीटर चौड़ी और सुविधाजनक लंबाई की क्यारियां बनाएं। मिट्टी में 5 किलोग्राम एज़ोस्पिरिलम और फॉस्फोबैक्टीरियम मिलाएं।
- 10-15 सेमी लंबी अर्ध-कठोर लकड़ी से कटिंग लें।
- कटिंग को मिट्टी, रेत और पत्तों की खाद के मिश्रण में लगाएं।
- कटिंग को 3% पंचगव्य घोल या 10% सीपीपी घोल में भिगोने से जड़ें जल्दी निकलती हैं।
- कटिंग को छाया में रखें और दिन में दो बार पानी दें।
- 60 दिनों में कटिंग मुख्य खेत में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है।
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बुवाई के 4 महीने बाद 50% फूल आने पर कोमल हिस्सों की कटाई करें। हरी पत्तियों की उपज: 12-13 टन प्रति हेक्टेयर होती है और सूखी पत्तियों की उपज: 2.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।