गुलमेंहदी की खेती से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी

By : Tractorbird News Published on : 27-Nov-2024
गुलमेंहदी

गुलमेंहदी (Rosemary) एक सुगंधित जड़ी-बूटी है, जिसका वैज्ञानिक नाम *Rosmarinus officinalis* है। 

यह पुदीना परिवार से संबंधित है। इसे मुख्य रूप से औषधीय, सौंदर्य उत्पादों और खाद्य सामग्री में उपयोग किया जाता है। गुलमेंहदी से इत्र, साबुन, और अन्य सुगंधित उत्पाद भी बनाए जाते हैं।

गुलमेंहदी के उपयोग

गुलमेंहदी का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जाता है:

1. औषधीय उपयोग:

 - सिरदर्द, पेट दर्द, और जोड़ों के दर्द में लाभदायक।

  - इसमें एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुण होते हैं।

 - तनाव कम करने और पाचन सुधारने में सहायक।

2. खाद्य उपयोग:

  - मांस, सूप और अन्य व्यंजनों में मसाले के रूप में प्रयोग होता है।

  - इसका उपयोग ताजा और सूखी अवस्था में किया जा सकता है।

3. सौंदर्य और त्वचा देखभाल:

  - गुलमेंहदी का तेल बालों की वृद्धि में सहायक और त्वचा को चमकदार बनाने में मदद करता है।

  - इसे इत्र, साबुन और अन्य सुगंधित उत्पादों में भी शामिल किया जाता है।

ये भी पढ़ें: कीवी की खेती (kiwi farming) से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

गुलमेंहदी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी

  • गुलमेंहदी की खेती के लिए ठंडी सर्दी और हल्की गर्मी (तीस डिग्री से नीचे) की आवश्यकता होती है। मेंहदी की खेती के लिए समशीतोष्ण जलवायु अच्छी है। 
  • गुलमेंहदी खेती के लिए हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों का मौसम अच्छा है। ठीक तापमान 14°-15° सेल्सीयस होना चाहिए। 
  • रोज़मेरी के लिए 5.5 से 7.0 pH वाली अच्छी जल निकास वाली दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है। 
  • जब पीएच 5.0 से नीचे हो, तो डोलोमाइट 2.5 टन/हेक्टेयर की दर से डालना चाहिए और मिट्टी में अच्छी तरह मिला देना चाहिए।

भूमि की तैयारी

- भूमि को दो बार जोतकर भुरभुरा बनाएं। 2 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद और 500 किलोग्राम नीम की खली मिलाएं। 

-30 सेमी ऊंची, 1.5 मीटर चौड़ी और सुविधाजनक लंबाई की क्यारियां बनाएं। मिट्टी में 5 किलोग्राम एज़ोस्पिरिलम और फॉस्फोबैक्टीरियम मिलाएं।

कटिंग की तैयारी और रोपण प्रक्रिया

1. कटिंग का चयन:

 - 10-15 सेमी लंबी अर्ध-कठोर लकड़ी से कटिंग लें।

2. रोपण:

  - कटिंग को मिट्टी, रेत और पत्तों की खाद के मिश्रण में लगाएं। 

  - कटिंग को 3% पंचगव्य घोल या 10% सीपीपी घोल में भिगोने से जड़ें जल्दी निकलती हैं।

3. देखभाल: 

  - कटिंग को छाया में रखें और दिन में दो बार पानी दें।

  - 60 दिनों में कटिंग मुख्य खेत में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है।

ये भी पढ़ें: गेंदा के फूल की खेती पर मिलेगा अनुदान जल्द करे आवेदन

फसल रोपाई का तरीका

  • गुलमेंहदी की खेती करते समय अच्छे और स्वस्थ्य बीजों का उपयोग करें, ताकि फसल को कोई नुकसान नहीं हो। 
  • पहले बीज द्वारा पौधों को नर्सरी में तैयार कर ले। जब पौधे खेत में रोपने योग्य हो जाता है, तो उसे 45 X 45 सेमी की दूरी पर रखना चाहिए। 
  • नर्सरी में पौधे को तैयार करने के बाद, मिट्टी में पर्याप्त खाद मिलने के बाद बीज बोया गया।

कटाई और पैदावार

बुवाई के 4 महीने बाद 50% फूल आने पर कोमल हिस्सों की कटाई करें। हरी पत्तियों की उपज: 12-13 टन प्रति हेक्टेयर होती है और सूखी पत्तियों की उपज: 2.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।

Join TractorBird Whatsapp Group

Categories

Similar Posts