अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए कैसे करे फसलों में खाद और उर्वरकों का छिड़काव ?
By : Tractorbird News Published on : 07-Aug-2024
वर्तमान में किसान यूरिया और डीएपी जैसे खाद उर्वरक फसल उत्पादन में उपयोग करते हैं, लेकिन इनका अधिकतम लाभ सही समय और संतुलित मात्रा में प्राप्त किया जाना चाहिए, अन्यथा वे बेकार हो जाते हैं।
कृषि वैज्ञानिकों ने समय-समय पर किए गए प्रयोगों से पता चला है कि खेतों से अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिए उर्वरकों का संतुलित और समन्वित उपयोग चाहिए, न कि उर्वरकों का अधिक उपयोग।
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि एक ही तरह के खाद-उर्वरक फसलों को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं देते, जिससे खेतों की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है।
यही कारण है कि किसानों को मिट्टी की विशेषताओं को ध्यान में रखकर संतुलित उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए।
किसान ऐसा करके अपना आर्थिक बोझ कम कर सकते हैं और उर्वरक की खपत भी कम कर सकते हैं।
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खेत में खाद डालने से पहले किसान रखे इन बातों का ध्यान
- कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फसलों में उर्वरकों का उपयोग करने से पहले मिट्टी की प्रकृति (भारी या हल्की) का पता लगाना महत्वपूर्ण है।
- ऐसा इसलिए आवश्यक है क्योंकि उर्वरक की अधिकांश मात्रा मिट्टी की निचली सतह में बह जाती है और फसल के लिए उपयोग नहीं होता।
- बलुई या हल्की मिट्टी में चिकनी मिट्टी की तुलना में नाइट्रोजन युक्त उर्वरक जैसे सोडियम नाइट्रेट और कैल्शियम नाइट्रेट का रिसाव अधिक होता है।
- इसलिए हल्की मिट्टी में नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे फसलों को आवश्यक उर्वरक नहीं मिलेंगे और उत्पादन भी कम होगा।
किस कमी करना चाहिए फसल में खाद और उर्वरक का छिड़काव ?
- कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि पौधों की जड़ों के आसपास हमेशा उर्वरक दिए जाना चाहिए। उर्वरक जमीन पर बिखेरने से पौधों की जड़ों तक नहीं पहुंच पाते।
- नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों को फसल की आवश्यकतानुसार दो या तीन बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में देना चाहिये, न कि एक बार में पूरी मात्रा में देना चाहिये।
- साथ ही, पौधों की जड़ें घोल के रूप में पोषक तत्व ग्रहण करती हैं, इसलिए उर्वरक देते समय भूमि में नमी होनी चाहिए।
- खड़ी फसलों में उर्वरक पानी में मिलाकर प्रयोग करना चाहिए। खड़ी फसलों में नत्रजन, स्फुर और पोटाश (जैसे यूरिया, डीएपी और पोटेशियम सल्फेट) को पानी में मिलाकर दिया जा सकता है।
- जैविक खादों (जैसे कम्पोस्ट, गोबर खाद या हरी खाद) का उपयोग करके रासायनिक उर्वरकों का उपयोग भी कम किया जा सकता है।
- कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को यह भी बताया कि फसलों को जितने पानी की आवश्यकता हो उतनी ही सिंचाई करनी चाहिए; इसका मतलब यह है कि खेतों को अत्यधिक जलमग्न नहीं करना चाहिए।
- ऐसा करने से उर्वरक पानी के साथ नीचे बहते हैं। खड़ी फसल में उर्वरकों का प्रयोग तब ही करना चाहिए जब खेत पर चलने से नुकसान न हो।
- उर्वरकों का उपयोग करने से पहले खरपतवारों को निकालना आवश्यक है, अन्यथा वे भी पोषक तत्व ग्रहण कर लेंगे और उत्पादन क्षमता कम हो जाएगी।
- उर्वरकों का उपयोग मृदा के पीएच मान के आधार पर करना चाहिए, क्योंकि सभी उर्वरक हर प्रकार की मिट्टी के लिए उपयुक्त नहीं होते।