उन्नत किस्मों का फसल उत्पादन में क्या योगदान है ?

By : Tractorbird News Published on : 23-May-2024
उन्नत

आज के आधुनिक युग में जहां जन्शंख्या में वृद्धि हो रही है भोजन की डिमांड भी निरंतर बढ़ रही है। इस डिमांड को पूरा करने के लिए खेती का उत्पादन भी अधिक होना बहुत आवश्यक है। 

इसलिए ऐसी उन्नत किस्में विकसित की जा रही है जो की कम स्थान पर लगने पर भी अधिक उत्पादन दे। 

उन्नत किस्मों का फसल उत्पादन में योगदान देने वाले कई महत्वपूर्ण पहलू हैं। 

उन्नत किस्में वे फसलें हैं जिन्हें कृषि विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने विभिन्न तरीकों से सुधार दिया है ताकि वे अधिक उपज, रोग प्रतिरोधक क्षमता और बेहतर गुणवत्ता दे सकें। 

उन्नत किस्मों का फसल उत्पादन में योगदान इस लेख में आप विस्तृत रूप में जानेंगे। 

1. उच्च उत्पादकता 

अधिक उत्पादन के लिए उन्नत किस्मों का अहम् योगदान है, उन्नत किस्में आमतौर पर पारंपरिक किस्मों की तुलना में अधिक उपज देती हैं। 

इससे प्रति इकाई क्षेत्र में अधिक फसल उत्पादन संभव हो जाता है, जो किसानों की आय को बढ़ाता हैऔर खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।

 2. रोग और कीट प्रतिरोधकता 

सामान्य किस्मों में रोगों और कीटों का अधिक प्रकोप देखने को मिलता है। 

कई उन्नत किस्मों को इस तरह विकसित किया गया है कि वे सामान्य फसल रोगों और कीटों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होती हैं। 

इन किस्मों में रोग प्रति रोधी और किट प्रतिरोधी जान इससे किसानों को कीटनाशकों और रसायनों पर निर्भरता कम होती है, जिससे पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

3. खराब मौसम सहनशीलता

कुछ उन्नत किस्में खराब मौसम की परिस्थितियों जैसे सूखा, अत्यधिक बारिश, और तापमान के उतार-चढ़ाव के प्रति अधिक सहनशील होती हैं। 

इससे किसानों को प्रतिकूल मौसम की स्थिति में भी स्थिर उपज प्राप्त होती है।

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4. बेहतर पोषण मूल्य

कई उन्नत किस्में बेहतर पोषण मूल्य प्रदान करती हैं, जिससे लोगों के आहार में सुधार होता है। उदाहरण के लिए, कुछ उन्नत किस्में अधिक विटामिन और खनिजों से भरपूर होती हैं।

5. कम समय में परिपक्वता 

कुछ उन्नत किस्में जल्दी परिपक्व हो जाती हैं, जिससे किसानों को फसल चक्र में सुधार करने और अधिक फसल चक्र प्राप्त करने का मौका मिलता है। इससे खेती की कुल उत्पादकता में वृद्धि होती है।

6. बेहतर गुणवत्ता 

उन्नत किस्में आकार, स्वाद, रंग और अन्य गुणों में भी सुधार करती हैं, जो बाजार में उनकी मांग को बढ़ाती है और किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त होता है।

7. जलवायु परिवर्तन अनुकूलन

जलवायु परिवर्तन के साथ, उन्नत किस्में महत्वपूर्ण हो जाती हैं जो नई जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल हो सकती हैं। इससे फसल उत्पादन में स्थिरता बनी रहती है। 

8. संवहनीय कृषि

उन्नत किस्मों का उपयोग संवहनीय कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देता है क्योंकि ये किस्में प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग करती हैं, जिससे भूमि और जल संसाधनों पर दबाव कम होता है।

इन सभी लाभों के कारण, उन्नत किस्मों का फसल उत्पादन में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है, वे न केवल उत्पादन बढ़ाने में मदद करती हैं बल्कि कृषि के विभिन्न पहलुओं में सुधार लाकर किसानों के जीवन को भी समृद्ध बनाती हैं।

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