भारत के किसान हर साल विभिन्न फल, सब्जी, फूल और मसालों की फसल लगाते हैं। जब बात फलों और सब्जी की खेती की आती है, तो काम सिर्फ फसल लगाने से नहीं खत्म होता; फसल कटाई तक कई और कृषि कार्य भी करने होते हैं, ताकि फसल में कीड़े और बीमारियां नहीं हों।
जब हम मई और जून की बात करते हैं, तो इन महीनों में तपती धूप और बेमौसम बारिश आम हैं। लेकिन इन चुनौतियों के बीच किसान भाईयों को फल-सब्जी की फसल पर कैसे ध्यान देना चाहिए? इसके बारे में हम यहां चर्चा करने वाले है।
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पोषण: बागवानी में पोषण का महत्वपूर्ण योगदान होता है। गर्मियों में पौधों को उनके लिए आवश्यक पोषक तत्वों की सही मात्रा में प्रदान करें।
रोपन: गर्मियों में बागवानी के लिए सही समय होता है। पौधों को सुबह के समय या शाम के समय रोपा जाए, ताकि उन्हें अधिक गर्मी के समय की सुरक्षा मिले।
छाया: गर्मी के दौरान पौधों को धूप से बचाने के लिए उन्हें संदर्भित स्थान पर रखें जहां पर्याप्त छाया होती हो। पौधों को गर्मी के तेज धूप से बचाने के लिए पर्याप्त छाया प्रदान करें। यह उन्हें गर्मी से बचाए रखेगा और उनकी प्रकृति बढ़ाएगा। जिन पौधों के ऊपर चाय नहीं है उनको ग्रीन नेट या सरकंडे से ढक भी सकते है।
जलवायु संशोधन: पौधों को गर्मियों में शीतल और नम जलवायु में रखने का प्रयास करें, जैसे कि मिस्त्री प्रणालियों का उपयोग करके।
रोपन की तकनीक: पौधों को रोपन करने की सही तकनीक का अनुसरण करें, ताकि उन्हें अच्छी रूप से उगने का मौका मिले।
रोग और कीट प्रबंधन: बागवानी में रोग और कीटों का प्रबंधन करना बहुत महत्वपूर्ण है। गर्मियों में इसे विशेष ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि गर्मी रोगों और कीटों के प्रसार को बढ़ा सकती है।
अगर आप भी इन सभी बातों का ध्यान रख कर अपनी बागवानी फसलों का ध्यान रखते है तो आप भी गर्मी के मौसम में अच्छा मुनाफा कमा सकते है।