गर्मी के मौसम में पशुओं को गर्मी से बचाने के उपाय
By : Tractorbird News Published on : 29-May-2023
भारत में किसान खेती के साथ पशुपालन भी बड़े पैमाने पर करते है जिससे की उनको खेती के साथ -साथ पशुपालन से प्राप्त दूध बेच कर भी मुनाफा प्राप्त हो सके। हमारे देश का किसान मुख्य रूप से दूध प्राप्त करने के लिए गाय और भैंस का पालन करता है।
हमारे देश के लगभग आधे से ज्यादा किसान अनपढ़ है जिस कारण से वे परंपरागत (मतलब की पुराने तरीकों) से ही पशुपालन करते है। इस अभाव के कारण वे ज्यादा मुनाफा नहीं कमा पाते है। हमारे इस लेख में हम गर्मी के मौसम में पशुपालन के प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताने वाले है।
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कैसे पशुपालक अपने पशुओं को गर्मी से बचाए?
मई और जून के महीने में पशुओं का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है क्योकि मई और जून के महीने में अत्याधिक गर्मी पड़ती है, जिससे पशुओं के दूध के उत्पादन में भी कमी आती है। ज्यादातर गर्मी का असर भैंसों की सेहत पर होता है क्योकि उनकी चमड़ी काली और मोटी होती है। जिस कारण से भैंसों पर गर्मी का असर अधिक होता है। पशुओं को गर्मी से बचने के उपाय निम्नलिखित है:
- सबसे पहले तो इस मौसम में पशुओं को छाया में रखना बहुत आवश्यक है क्योकि सूरज की किरणें अगर सीधी उनके शरीर पर पड़ेगी तो पशुओं पर गर्मी का प्रकोप अधिक होता है।
- पशुओं को धुप से बचाने के लिए या तो उनको छायादार स्थान जैसे की गहरे पेड़ो की छाया में बांधे अगर आपके पास पशुओं को बांधने के लिए अच्छा शेड है तो पशुओं को उस शेड में रखे।
- पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए कूलर और पंखे का भी इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे की पशुशाला का वातावरण ठंडा बना रहे।
- पशुशाला को ठंडा रखने के लिए आज कल फोग्गर का भी इस्तेमाल किया जाता है फोग्गर से ओस के जैसे पानी निकलता है जिससे पशुशाला ठंडी रहती है।
- गर्मी से बचाव के लिए पशुओं को दिन में कम से कम दो बार ठन्डे पानी से नहलाना चाहिए जिससे उनके शरीर का तापमान सामान्य रहता है और पशुओं को दिन में कई बार पानी पिलाना बहुत आवश्यक है।
- चारदीवारी गर्मी को मात देने के लिए सबसे सस्ता और कम श्रमसाध्य उपाय है। भैंसों को तालाबों, नदियों, टैंकों या अन्य जल निकायों में एक साथ घंटों तक गुच्छों में लोटने के लिए छोड़ना चाहिए - अस्थिर शरीर के तापमान को ध्यान में रखते हुए गर्मी के नुकसान का एक महत्वपूर्ण मार्ग है जो पशु को शरीर के तापमान को संग्रहित करने में सक्षम बनाता है।
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गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए खान पान व्यवस्था
- गर्मी के मौसम में पशुओं को हरे चारे की आवश्यकत अधिक होती है, लेकिन इस मौसम में हरे चारे की कमी होती है जिस कारण से पशुओं को हरा चारा प्रचुर मात्रा में नहीं मिलता है।
- अगर आपके इलाके में हरे चारे की कमी है इसके बदले में आपको पशुओं को अनाज या दालों का फीड देना आवयश्यक होता है जिससे पशुओं के शरीर में किसी भी पोशक तत्व की कमी न रहे।
- अनाज के साथ प्रतिदिन 100 ग्राम सरसों का तेल पशुओं को चारे के साथ देने से भी पशुओं का गर्मी से बचाव होता है।
- पशुओं को रोजाना चारे के साथ 100 ग्राम खनिज मिश्रण देना भी बहुत आवश्यक होता है।