जिरेनियम की खेती कैसे की जाती है?

By : Tractorbird News Published on : 10-Apr-2025
जिरेनियम

जिरेनियम एक महकदार पौधा है, जिससे निकाला गया तेल कई उद्योगों में काम आता है। इसकी गुलाब जैसी भीनी खुशबू इसे इत्र और सुगंधित साबुन बनाने में उपयोगी बनाती है। 

इस तेल की भारी मांग और ऊँची कीमत के कारण जिरेनियम की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। 

भारत में इसकी कीमत लगभग ₹20,000 प्रति लीटर है, जबकि देश में इसका उत्पादन महज़ 2 टन होता है और लगभग 20 टन तेल आयात किया जाता है। ऐसे में इसकी खेती लाभदायक व्यवसाय बन सकती है।

कम लागत और अधिक मुनाफा

जिरेनियम की खेती कम पानी और कम खर्च में की जा सकती है, और यह अधिक मुनाफा देने वाली फसलों में से एक मानी जाती है। 

यदि किसान उन्नत तकनीकों और सही कृषि विधियों का पालन करें, तो वे इस फसल से अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।

जिरेनियम की नर्सरी और रोपाई का समय 

सीमैप, लखनऊ के अनुसार, बरसात के बाद बचे पौधों से अक्टूबर में नर्सरी तैयार की जाती है। इसके बाद, नवंबर से फरवरी के बीच कभी भी रोपाई की जा सकती है। 

एक एकड़ क्षेत्र में खेती के लिए करीब 20,000 से 22,000 पौधों की आवश्यकता होती है। इन कटिंग्स को 30 से 45 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाया जाता है।

खेती की तैयारी और प्रक्रिया

  • सबसे पहले खेत की अच्छे से जुताई करें और फिर रोटावेटर की मदद से मिट्टी को भुरभुरी बनाएं। 
  • खेत को समतल करते हुए उसमें पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करें। 
  • कटिंग से तैयार पौधों को 3045 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपें और फिर समयसमय पर इनकी देखभाल करें।

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खाद और सिंचाई व्यवस्था

  • एक हेक्टेयर में जिरेनियम की बेहतर पैदावार के लिए 300 क्विंटल गोबर की खाद डालना फायदेमंद होता है। 
  • इसके साथ नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का संतुलित उपयोग करें। विशेष रूप से नाइट्रोजन को हर 15 से 20 दिन में देना चाहिए। 
  • जिरेनियम को ज्यादा पानी की ज़रूरत नहीं होती, इसलिए अधिक सिंचाई से बचना जरूरी है वरना जड़ों में सड़न हो सकती है।

कटाई का सही समय

जब पौधों की पत्तियाँ पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं, आमतौर पर 34 महीने में, तभी उनकी कटाई करनी चाहिए। 

यह सुनिश्चित करें कि कटाई के समय पत्तियाँ न तो बहुत पीली हों और न ही अत्यधिक रस से भरी हुई हों।

खेती की लागत और मुनाफा

एक एकड़ में जिरेनियम की खेती करने में लगभग ₹1 लाख का खर्च आता है, जिसमें ड्रिप सिस्टम, पौधे, खाद, और श्रमिकों की लागत शामिल होती है। 

लेकिन एक सीजन में इससे करीब ₹4 लाख की कमाई संभव है, जिससे शुद्ध मुनाफा ₹3 लाख तक हो सकता है।

तेल की कीमत और संभावित आय

भारत में जिरेनियम तेल की कीमत लगभग ₹20,000 प्रति लीटर तक जाती है। अंतरराष्ट्रीय मांग और इसकी ऊँची कीमत इसे किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाती है। 

एक सीजन में यदि किसान 5060 लीटर तेल निकालते हैं, तो वे लाखों रुपये की आय प्राप्त कर सकते हैं।

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