भारत में तोरई की खेती विभिन्न क्षेत्रों में की जाती है और इसे हरी सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है। यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है – चिकनी या स्पंज तोरई और धारदार तोरई, जो लूफा (Luffa) वंश से संबंधित हैं।
इन दोनों प्रजातियों में एक विशेष जिलेटिनस यौगिक पाया जाता है, जिसे "लूफेन" कहा जाता है। इस लेख में हम आपको तोरई की दोनों किस्मों के बारे में विस्तार से बातएंगे।
तोरई की इस किस्म की खेती भारत में कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर की जाती है। इस किस्म की कीमत किसानों को अच्छी मिलती है। इस प्रजाति की कई किस्में भारत में मौजूदे हैं। इसकी किस्में निम्नलिखित दी गयी हैं :
1. अर्का सुमीत – यह किस्म बेलनाकार, हरी व चमकदार फल वाली होती है। इसके फल 55 सेमी लंबे, 2.5 सेमी मोटे और 380 ग्राम वजनी होते हैं। इन फलों पर उभरी हुई धारियां और हल्की सुगंध होती है। पहली तुड़ाई 50-55 दिनों में होती है।
2. अर्का सुजात – मध्यम आकार के (35-45 सेमी) हरे व चमकदार फल वाली यह किस्म 350 ग्राम वजन के फलों का उत्पादन करती है। इसकी औसत उपज 100 दिनों में 63 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
3. पूसा नसदार – हल्के हरे रंग के, क्लब आकार के फल देने वाली यह किस्म प्रति पौधा 15-20 फल पैदा करती है। इसकी औसत उपज 15-16 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
4. पंत तोरई-1 – यह किस्म विशेष रूप से वर्षा ऋतु के लिए उपयुक्त होती है। इसके फल छोटे (लगभग 5 सेमी) और क्लब आकार के होते हैं। इसकी औसत उपज 10 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
5. CO.1 – यह किस्म लंबे फलों (60-75 सेमी) के लिए जानी जाती है। इसका पहला फल तोड़ने योग्य 55 दिनों में तैयार हो जाता है। प्रति पौधा 10-12 फल आते हैं, और प्रत्येक 3-4 फल एक किलोग्राम वजन के होते हैं।
6. स्वर्ण मंजरी – यह किस्म पाउडरी मिल्ड्यू रोग के प्रति सहनशील होती है। इसके फल लंबे, मध्यम आकार के, अत्यधिक धारियां लिए हुए और हरे रंग के होते हैं। फल का गूदा मुलायम होता है। पहली तुड़ाई 65-70 दिनों में होती है। इसकी औसत उपज 140-150 दिनों में 18-20 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
7. स्वर्ण उपहार – इस किस्म के फल बेलनाकार, हरे और मध्यम आकार (200 ग्राम) के होते हैं। इसके फलों की धारियां उभरी हुई होती हैं और गूदा मुलायम होता है। पहली तुड़ाई 65-70 दिनों में होती है।
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8. पंजाब सदाबहार – यह किस्म लंबे, हल्के मुड़े हुए और 3-5 सेमी मोटे फल देने वाली होती है। इसकी उपज 10 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
9. कोंकण हरीता – इस किस्म के फल गहरे हरे रंग के, 30-45 सेमी लंबे और सिरों पर हल्के पतले होते हैं। प्रति पौधा 10-12 फल पैदा होते हैं।
स्पंज तोरई की ये किस्म भी कई चीजों के लिए मशहूर हैं इस किस्म से कई उत्पाद भी तैयार किए जाते हैं, इस प्रजाति की किस्में निम्नलिखित दी गयी हैं -