पोर्ट ब्लेयर, 21 दिसंबर : आईसीएआर-केवीके, सीआईएआरआई, पोर्ट ब्लेयर ने कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से प्राकृतिक खेती के पैमाने के तहत 20.12.2022 को सामुदायिक हॉल, मैगलूटन गांव में प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। डॉ वाई रामकृष्ण, प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य और मृदा माइक्रोबियल विविधता में कृषि-रसायनों और अकार्बनिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग के विभिन्न दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने प्राकृतिक खेती के महत्व पर प्रकाश डालते हुआ कहाँ की हमे अपनी खेती में कृषि-रसायनों और अकार्बनिक उर्वरकों का प्रयोग न करके बीजामृत, जीवामृत जैसे अपने स्वयं के उर्वरक तैयार कर उपयोग करना चाहिए जिससे फसल उत्पादन लागत को कम किया जा सके। डॉ. एन. बोम्मायासामी, एसएमएस (कृषि) ने जैविक और प्राकृतिक खेती के तौर-तरीकों में अंतर, नीमास्त्र, भ्रामस्त्र और अग्निस्त्र के प्रयोग द्वारा फसल कीटों के प्रबंधन और खट्टी दही के प्रयोग करने पर भी चर्चा की। घनजीवमृत और जीवामृत का प्रयोग पोषक तत्व प्रदान करके मिट्टी के स्वास्थ्य और मिट्टी की जैविक गतिविधि में सुधार करने में मदद करता है।
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कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने घनजीवामृत, जीवामृत बनाने की विधि का प्रदर्शन किया। आईसीएआर-केवीके, पोर्ट ब्लेयर ने प्रतिभागियों को जीवामृत तैयार करने के किट वितरित किए। इस कार्यक्रम में 53 किसानों और खेतिहर महिलाओं ने भाग लिया और लाभान्वित हुए। कार्यक्रम का समापन कृषक महिला श्रीमती स्नेहलता के साथ हुआ। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. एकनाथ बी चाकुरकर, निर्देशक , आईसीएआर-सीआईएआरआई, पोर्ट ब्लेयर के पर्यवेक्षण और मार्गदर्शन में किया गया था।