रेशम कीट पालन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

By : Tractorbird News Published on : 05-Dec-2024
रेशम

आज के समय में ऐसे बहुत सारे उद्योग हैं, जो कि कृषि के साथ-साथ बढ़ रहे हैं। रेशम की खेती से किसान अच्छी-खासी आमदनी कर सकते हैं। 

यदि कृषि पारंपरिक तौर-तरीकों से अलग हटकर आधुनिक ढ़ंग से की जाए तो वो लाभ का सौदा सिद्ध हो सकती है।

आधुनिक समय में रेशम निर्मित वस्त्रों का संचालन काफी तीव्रता से बढ़ रहा है, जिसकी वजह से बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। 

ऐसे में यह व्यवसाय किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक शानदार विकल्प है। किसान रेशम की खेती से काफी शानदार मुनाफा अर्जित कर सकते हैं।

जानकारी के लिए बतादें, कि इस सूची में रेशम उद्योग भी शम्मिलित हैं। यह एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें आप रेशम के कीड़ों द्वारा रेशम की पैदावार कर शानदार आमदनी कर सकते हैं। 

रेशम कीट पालन क्या है ? 

  • रेशम उत्पादन के मामले में भारत विश्व का चीन के बाद दूसरा देश है। इसका उत्पादन रेशम के कीड़ों द्वारा होता है, जिसे हम रेशमकीट पालन कहते हैं। 
  • एक बड़ी मात्रा में रेशम उत्पादन के लिए रेशम उत्पादक जीवों का पालन करना होता है। 
  • रेशम की बढ़ती मांग के चलते अब यह एक उद्योग बन चुका है, जिसको हम कृषि आधारित कुटीर उद्योग कहते हैं। 
  • खास बात यह है, कि इस उद्योग को काफी कम लागत में सफलता पूर्वक स्थापित किया जा सकता है। 
  • साथ ही, आप यह कार्य कृषि कार्यों और अन्य घरेलू कार्यों के साथ बड़ी ही सुगमता से कर सकते हैं।

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रेशम उत्पादन के लिए भूमि का चयन और रेशम की किस्में 

  • बलुई-दोमट जमीन शहतूत वृक्षारोपण के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। शहतूत के पौधों को उसरीली मृदा में नहीं लगाना चाहिए। 
  • इसके साथ ही सिंचाई की व्यवस्था के अलावा पानी का ठहराव भी नहीं होना चाहिए। विशेषकर बलुई-दोमट जमीन शहतूत वृक्षारोपण के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। 
  • लेकिन, वहां समुचित जल निकासी की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए। 
  • रेशम की कई सारी किस्में हैं, जिनमें से एरी या अरंडी रेशम, शहतूती रेशम, गैर शहतूती रेशम, मूंगा रेशम, ओक तसर रेशम, तसर (कोसा) किस्म आदि ये रेशम की काफी शानदार किस्में हैं। 
  • जो रेशम कीट की विभिन्न प्रजातियों से हांसिल होती हैं। 

रेशम पालन से कितने समयांतराल में प्रतिफल मिलेगा

  • रेशम की बढ़ती मांग को देखते हुए इसमें रोजगार की संभावनाएं काफी अधिक हैं। 
  • चूँकि, आज के आधुनिक युग में इसकी निरंतर मांग बढ़ती जा रही है, ऐसे में यह व्यवसाय एक अच्छी आमदनी का स्त्रोत बनता जा रहा है। 
  • भारत में रेशम की मलबरी, टसर, ओक टसर, एरि और मूंगा सिल्क जैसी पांच किस्मों का उत्पादन किया जाता है। 
  • मूंगा रेशम के उत्पादन में भारत का एकाधिकार है। यह एक प्रकार से कृषि क्षेत्र की नकदी फसल है क्योंकि इससे 1 महीना या 30 दिनों के समयांतराल में प्रतिफल प्राप्त किया जाता है। 

सर्वाधिक रेशम की खेती कहाँ होती है ?

  • भारत के अंदर विशेष रूप से शहतूत पर कीटों द्वारा रेशम उत्पादन पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में किया जाता है। 
  • शहतूत के पेड़ों के अलावा अगर हम पेड़ों पर रेशम कीट पालन की बात करें तो रेशम उत्पादन झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों में होता है। 

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