पिछले कुछ दिनों से मौसम में गर्मी का एहसास हो रहा था, लेकिन शनिवार की शाम को एकदम मौसम बिगड़ गया। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। इस दौरान करीब आधा घंटा तक जोरदार बारिश के साथ ओला वृष्टि हुई। जिससे खेतों में खड़ी फसल आड़ी हो गई और जमीन पर बिछ गयी है।
साथ ही जिन किसानों ने अपनी फसल की कटाई कर दी थी वह भी खराब होने की संभावना बताई जा रही है क्योकि गीली होने से खेत में पड़ी फसल गल सकती है। इस समय गेहूं, सरसों, चना, मसूर की कटाई का काम चल रहा है।
किसानों का कहना है कि इस समय फसल पूरी तरह पक कर तैयार है। एकदम से मौसम ख़राब होने के कारण फसलों में बहुत नुकसान हो गया है। इससे चने, सरसों और गेहूं काले पड़ सकते हैं। बारिश में भीग जाने के कारण फसल के दाने ख़राब हो जाते है। जिससे उसके दामों में गिरावट आ सकती हैं। निकली हुई फसल खेत में पड़े होने के कारण बारिश होने से उसका बचाव किया जा रहा है।
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बेमौसम बारिश से फसलें प्रभावित हुई है। इनका सर्वे कर किसानों को मुआवजा देने की मांग की है। इसको लेकर भारतीय किसान संघ ने नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी चंदर सिंह ने बताया कि बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसलें खेतों में आड़ी हो गई तथा अन्य फसलों को भी नुकसान हुआ है। किसानों को पहले ही लागत के अनुरूप फसल का मूल्य न मिलने से आर्थिक परेशानियां हो रही है, वही बेमौसम बारिश की मार ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है।
मध्य प्रदेश सरकार से फसल का सर्वे कर उचित मुआवजा देने की मांग का ज्ञापन तहसीलदार शुजालपुर को दिया गया। ज्ञापन देने से पहले किसानों में जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त किया। ज्ञापन देते समय बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।