पानी की बचत करने वाली फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए पंजाब सरकार 12 फरवरी को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में पहली बार 'पहली सरकार-किसान मिलनी' (किसानों से मिलें) का आयोजन करेगी।
बुधवार को यह खुलासा करते हुए पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य गेहूं-धान के तहत क्षेत्र को कम करके पानी की बचत करने वाली फसलों की खेती को बढ़ावा देना और अन्य कृषि संबंधी व्यवसायों को बढ़ावा देना है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री धालीवाल ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा करवाए जा रहे इस कार्यक्रम के दौरान राज्य की नई कृषि नीति बनाने के लिए सरकार और किसानों के बीच सीधा संवाद होगा।
इस मीटिंग के दौरान धालीवाल ने कहा कि पूरे पंजाब के प्रगतिशील किसान अपने सुझाव सीधे मुख्यमंत्री भगवंत मान को देंगे और प्रशासन, विभागों, कृषि अनुसंधान संस्थानों और किसानों के बीच खुले संवाद के माध्यम से विचार-विमर्श किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि बैठक से कृषि सुधारों को लागू करने के अलावा राज्य की कृषि में विविधता लाने, इसे लाभदायक बनाने की योजना बनाने में मदद मिलेगी।
मंत्री ने आगे कहा कि बैठक के लिए 5,000 किसानों को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा की कृषि और संबद्ध व्यवसायों से संबंधित विभिन्न विषयों के व्यापक ज्ञान वाले किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, विभिन्न कृषि क्लबों और संघों के सदस्य इस बैठक में भाग लेंगे।
मंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों से संबंधित महिला किसानों की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है।