पंजाब सरकार ने राज्य की नई कृषि नीति तैयार करने के लिए एक और कदम उठाते हुए कृषि विशेषज्ञों की 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
बीते दिन पंजाब भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि पंजाब के लिए नई कृषि नीति 31 मार्च तक तैयार कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
पंजाब राज्य किसान और खेतिहर मजदूर आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह संयोजक के रूप में इस कमेटी में होंगे, कृषि सचिव राहुल तिवारी, डॉ. एसएस गोसाल (वाइस चांसलर पीएयू लुधियाना), डॉ. इंद्रजीत सिंह (वाइस चांसलर गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी लुधियाना), डॉ. सुच्चा सिंह गिल (अर्थशास्त्री), डॉ. बीएस रोटेशन पूर्व (वाइस चांसलर पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला), डॉ. गुरकंवल सिंह पूर्व डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर पंजाब, राजेश वशिष्ठ (सलाहकार पंजाब जल नियंत्रण और विकास प्राधिकरण), डॉ. बलविंदर सिंह सिद्धू (पूर्व निदेशक कृषि पंजाब), अमरिंदर सिंह (किसान क्लब अध्यक्ष) और चेयरमैन पनसीद महिंदर सिंह सिद्धू को सदस्य बनाया गया है।
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कृषि मंत्री ने कहा कि पहली सरकार-किसान मीटिंग 12 फरवरी, 2023 को होगी। उन्होंने कहा कि यह मीटिंग कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना में होगी, जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत मान मुख्य अतिथि होंगे। उन्होंने कहा कि इस मीटिंग में पंजाब के कोने-कोने से 2500 से अधिक प्रगतिशील किसान हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि इस बैठक के दौरान किसान कृषि नीति पर चर्चा करेंगे और उनके बहुमूल्य सुझाव लिए जाएंगे।
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि नई कृषि नीति के तहत नदियों के सरप्लस पानी को पंजाब के हर खेत तक पहुंचाने पर विचार किया जा रहा है।
कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने जोर देकर कहा कि पंजाब एक पर्यावरण और स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है, जिसमें उपजाऊ भूमि अनुपजाऊ भूमि में बदल रही है और भूजल में जहर की मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने किसानों को ऑनलाइन सुविधा प्रदान करते हुए बीज उत्पादन पोर्टल एवं एप का भी विमोचन किया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से राज्य के किसान बीजों की उपलब्धता और किस्मों की ऑनलाइन जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
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उन्होंने कहा कि इस ऐप का मकसद पंजाब स्टेट सीड सर्टिफिकेशन ऑर्गनाइजेशन को ऑनलाइन और पेपरलेस बनाना और बीज सर्टिफिकेशन के लिए सालाना कैलेंडर लागू करना है। उन्होंने कहा कि इस एप के माध्यम से बीज ट्रैकिंग, गुणवत्ता प्रमाणीकरण, बीज उत्पादन, प्रमाणीकरण और सैंपलिंग के संबंध में पूरी जानकारी मिल सकेगी।