16 अक्तूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का लक्ष्य विश्व भर में भुखमरी और पोषण की कमी के खिलाफ जागरूकता फैलाना है। Food Day पर कई कार्यक्रमों का उद्देश्य लोगों को भुखमरी के खिलाफ जागरूक करना है। साथ ही पोषण और भूखमरी पर ध्यान देते हैं।
16 अक्तूबर 1945 को फूड और कृषि संघ (FAO) का गठन हुआ था। FAO के स्थापना दिवस पर विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। विश्व खाद्य दिवस संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन का गठन हुआ तब से मनाया जा रहा है। 1979 में 20वें एफएओ सम्मलेन में इसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता दी गई। आज दुनिया भर में 150 से अधिक देश इस दिवस को मनाते हैं और खाद्य सुरक्षा और भुखमरी के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहते हैं।
भारत में हरित क्रांति के जनक एम.एस. स्वामीनाथन के प्रयासों के चलते आज दुनिया के कई देशों को भारत खाद्यान्न पहुंचा रहा है। विश्व खाद्य दिवस के मौके पर दुनिया आज एम.एस. स्वामीनाथन प्रमुख व्यक्तियों की श्रेणी में स्मरणीय हैं। 1960 के दशक के दौरान इन्होने भारत में ज़्यादा उपज वाली किस्म (एचवाईवी) के बीज, खेती के मशीनी उपकरण, सिंचाई तंत्र, खाद, और कीटनाशक के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया था। जिसका परिणाम आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बढ़ा खाद्य निर्यात में दूसरा सबसे बड़ा देश है।
विश्व खाद्य दिवस विश्वव्यापी भूख से निपटने और खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने का अभियान है। “जल ही जीवन है, जल ही भोजन है” 2023 के विश्व खाद्य दिवस की थीम है। दुनिया भर के संगठन एकजुट होकर वैश्विक भुखमरी और खाद्य सुरक्षा पर दुनिया भर के लोगों को जागरूक करने का प्रयास करेंगे। 150 देशों और 50 से अधिक भाषाओं में आज यह दिवस मनाया जा रहा है। इसमें राष्ट्रीय सरकारों से लेकर कंपनियां, किसान और आम लोग सभी शामिल हैं।