कृषि वानिकी आजकल किसानों के लिए फायदेमंद होती जा रही है। बहुत से किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर कृषि में पेड़ लगाकर बेहतरीन निवेश कर रहे हैं, जिससे वे बाद में काफी अच्छा लाभ कमा रहे हैं। आज किसान अधिक मुनाफा देने वाली खेती पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, जिससे उनका आय का स्रोत बढ़ जाएगा।
सैकड़ों किसानों के उदाहरण देश के कई राज्यों में हैं जो पेड़ लगाकर अमीर बन गए और आज करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं। किसानों ने सफेदा, महोगनी, सागवान, गम्हार, चंदन और अन्य कई पेड़ों की खेती करके अच्छी कमाई की है। ये पेड़ न सिर्फ अच्छा मुनाफा देते हैं, बल्कि इनकी खेती कम देखभाल और कम लागत में की जा सकती है। युवा खेती में बहुत कुछ खास है।
सामान्य और पारंपरिक खेती से किसान अनाज और अन्य आवश्यक सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन पेड़ों की खेती या कृषि वानिकी से फर्नीचर और अन्य उद्देश्यों के लिए महंगी लकड़ियां मिलती हैं। गौरतलब है कि भारत में उच्च गुणवत्ता वाली लकड़ियों की बहुत मांग है। यही कारण है कि भारत में अच्छी गुणवत्ता की लकड़ियों की मांग को देखते हुए विदेशों से काफी लकड़ियां आयात की जाती हैं। ये लकड़ियां अच्छी क्वॉलिटी की हैं। भारत के मुकाबले इंग्लैंड और अमेरिका जैसे विकसित देशों में लकड़ियों की खेती काफी आम है। यही कारण है कि भारत लड़कियों को विदेशों से आयात करता है।
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सफेदा की लकड़ी ईंधन, फर्नीचर और कागज की लुगदी बनाने के काम आती है। सफेदा को यूकेलिप्टस के नाम से भी जाना जाता है। सफेदा को फर्नीचर और डिजाइनर लकड़ी के तौर पर व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इस पेड़ को बोकर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। एक हेक्टेयर में 300 सफेदा के पौधे लगाए जा सकते हैं।
यह पेड़ सिर्फ पांच साल में पूरा तैयार हो जाता है। इसके बाद किसान इस फसल को काटकर बेच सकते हैं। यदि पेड़ अच्छे तैयार हो जाते हैं , तो किसान एक हेक्टेयर में पांच वर्षों में 70 लाख रुपए से 80 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।
भारत में, मोहोगनी का पेड़ फर्नीचर और डिजाइनर लकड़ी बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ लकड़ी में से एक है। महोगनी की लकड़ी से फर्नीचर, सजावटी सामान आदि बनाए जाते हैं, लेकिन इसके बीजों और पत्तियों से भी तेल बनाया जाता है। ये मच्छर भगाने वाली दवा और तेल कीटनाशक भी बनाते हैं। यही कारण है कि महोगनी के बीज और पत्ते दोनों का बहुत उपयोग होता है।
इसके बीजों का मूल्य प्रति किलो 1000 रुपये है। 12 साल में महोगनी का पेड़ पूरा हो जाता है। 1 हेक्टेयर जमीन पर 1100 महोगनी पेड़ लगाए जा सकते हैं। 12 साल बाद एक महोगनी का पेड़ किसान को 20 से 25 हजार रुपए की कमाई दे सकता है। किसान 12 से 15 साल में 2 करोड़ से अधिक की कमाई करेंगे और इस निवेश से जल्दी करोड़पति बन सकते हैं।
किसान 15 से 20 साल में सागवान के पेड़ों को काट सकते हैं। सागवान फर्नीचर के अलावा नाव, जहाज, खिड़कियां, चौखट, आदि बनाने में भी प्रयोग किए जाते हैं। इसका उपयोग रेल डिब्बों के निर्माण में भी होता है। सागवान के पत्ते भी औषधीय रूप में इस्तेमाल किये हैं।
सागवान के पत्ते ब्लड बाइल्स, इचिंग और माइग्रेन को राहत देते हैं। एक एकड़ में पांच सौ सागवान के पेड़ लगाए जा सकते हैं। पंद्रह से बीस साल बाद, एक सागवान का पेड़ 25 से 30 हजार रुपए प्रति इकाई में बेचा जा सकता है। एक एकड़ में सागवान की खेती करके भी किसान करोड़पति बन सकते हैं।