इस राज्य में अब पेड़ों का भी होगा बीमा और सरकार से अनुदान भी मिलेगा

By : Tractorbird News Published on : 06-Jan-2023
इस

अगर आप उत्तर प्रदेश के में खेती-किसानी सहित पेड़ों की बागवानी भी करते हैं, तो प्रदेश सरकार की आने वाली योजना के अंतर्गत खेतों में खड़ी फसल सहित पेड़ों का भी बीमा करा सकते हैं। पेड़-पोधों को हम अपनी जिंदगी का बेहद अभिन्न अंग मानते हैं क्योंकि हमारे शरीर की साँसे भी इनके द्वारा उत्पन्न ऑक्सीजन द्वारा चलती हैं। 

आपको बतादें कि वर्तमान में वृक्ष ना केवल ऑक्सीजन ही प्रदान करते हैं, साथ ही बेहतरीन आमदनी का भी जरिया बनते जा रहे हैं। पेड़ पौधों द्वारा पशु चारा, रबड़, तेल, फल, फूल, औषधि एवं लकड़ी की पैदावार लेकर किसान पारंपरिक फसलों के जरिये अत्यधिक धन अर्जित कर रहे हैं। 

बहुत से लोग खेत के एक भाग में फलों की बागवानी किया करते हैं। फिलहाल कुछ लोग खेत की मेड़ों के किनारे-किनारे महोगनी, सागवान, बबूल, पोपलर के पेड़ उगाने लगे हैं। इससे कुछ वर्षों के अंतर्गत लकड़ी की पैदावार अर्जित हो जाती है। किसानों हेतु पेड़ों की खेती किसी फिक्स डिपोजिट की भाँति कार्यरत होती है। 

खेत में रिक्त मेड़ों पर पेड़ों की स्थापना करें एवं जब पेड़ तैयार हो जाएं तो बाजार में अच्छे दाम पर बेच दें। अब इस व्यवसाय हेतु सरकार द्वारा एक सेवा और जोड़ी जा रही है। उत्तर प्रदेश के किसानों को शीघ्र ही खेत में लगे पेड़ों का बीमा सुनिश्चित करने की सुविधा प्रदान की जायेगी चाहिए। खबरों की मानें तो वर्तमान में राज्य सरकार नवीन कृषि फॉरेस्ट्री योजना लाने की तैयारी कर रही है। इससे किसानों को बहुत ही बेहतरीन लाभ होता है। 

अब से पेड़ों का भी करा सकते हैं बीमा

उत्तर प्रदेश में बहुतायत रकबे में कृषि की जाती है। उत्तर प्रदेश में हर प्रकार की पारंपरिक फसल से लेकर देसी, विदेशी, औषधी, मसाला, सब्जी, बागवानी, फल एवं पेड़ों से लेकर घास तक का उत्पादन किया जाता है। ऐसी समस्त फसलों को मौसमिक मार से संरक्षित करने हेतु सरकार ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से बीमा करवाने की सुविधा दी जाती है। 

इसकी सहायता से फसल में होने वाली आर्थिक हानि केवल किसान को ही वहन ना करनी पड़े। इस योजना को पेड़ों की खेती पर सब जगह जारी नहीं कर रखा है। परंतु यूपी में पेड़ों की बागवानी अथवा वानिकी उच्च स्तर पर होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए फिलहाल सरकार कृषि वानिकी नीति जारी करने जा रही है, जो किसानों को उनके द्वारा लगाए गए पेड़ों का बीमा करवाने की सुविधा प्रदान करेगी। 

ये भी पढ़ें: मूँगफली की फसल के प्रमुख रोग और रोगों का प्रबंधन

क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी?

खबरों के अनुसार, नवीन कृषि वानिकी नीति के माध्यम से पेड़ों का बीमा कराने की सुविधा उपलब्ध की जाएगी। अगर किसान द्वारा स्वयं के खेत में एक विशेष भाग में पेड़ उत्पादन किए हैं, तो बीमा कराने की स्थिति में प्राकृतिक आपदा अथवा अन्य जोखिमों की वजह से हानि होने पर बीमा क्लेम उपलब्ध कराया जाएगा। 

सिर्फ यहीं बात खत्म नहीं होती है, कृषि वानिकी नीति के माध्यम से नवीन पौधों की रोपाई एवं पेड़ों से अर्जित उत्पादों के विपणन हेतु भी सहायता का प्रावधान होगा। 

पेड़ों की खेती करने के लिए दिया जायेगा अनुदान

लकड़ी की खपत में बढ़ोत्तरी एवं पेड़ों की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए कृषि वानिकी नीति में अन्य भी बहुत सारे प्रावधान करने की योजना है। पेड़ों की खेती हेतु कृषकों को वन विभाग की तरफ से कमर्शियल मतलब व्यावसायिक उपयोगिता रखने वाले पौधे भी उपलब्ध कराए जाएंगे। 

इनके अंतर्गत आम, जामुन, इमारती लकड़ी, फूड प्रोसेसिंग के लिए आंवला, औषधीय पौधे एवं अन्य वानस्पतिक किस्मों के पौधे भी शम्मिलित हैं।  

सरकार द्वारा विपणन हेतु सहायता की जाएगी

जैसा कि नवीन कृषि वानिकी नीति के चलते पेड़ों के बीमा सहित पेड़ की खेती एवं इससे प्राप्त उत्पादों के विपणन हेतु मदद का प्रावधान है। इसकी वजह से किसानों को पेड़ों की लकड़ी अथवा दूसरी पैदावार को विक्रय हेतु बाजारों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। 

हालाँकि, पेड़ की पैदावार तैयार होते ही विक्रय हेतु उद्योगों से संबंध बनाए जाएंगे एवं क्लस्टर भी निर्मित किए जाएंगे। पेड़ों की बागवानी में किए जाने वाला व्यय केवल कृषकों पर ही भारी नहीं पड़ेगा, क्योंकि महंगे व व्यवसायिक पेड़ों की सुरक्षा और देखभाल हेतु सरकार किसानों को अनुदान भी प्रदान कराएगी। 

ये भी पढ़ें: ड्रिप सिंचाई कैसे की जाती है, जाने पूरी जानकारी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा किसानों के हित में दिया गया बड़ा फैसला 

वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लकड़ी आधारित उद्योगों को लाइसेंस मुहैय्या करने पर प्रतिबंध को हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के उपरांत किसानों को बड़ा सहयोग मिला है, साथ ही, लकड़ी कारोबार से संबंधित दूसरे हितग्राहियों हेतु चमकदार अवसर है। 

इसी कारण से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी वर्तमान में कृषि वानिकी नीति पर आधारित प्रारूप सहेजा जा चुका है, जिसे शीघ्र कैबिनेट के समक्ष प्रदर्शित किया जाएगा।

Join TractorBird Whatsapp Group

Categories

Similar Posts