हरियाणा में गन्ना किसानों ने मंगलवार को फसल के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की मांग को लेकर सरकार को अपना आंदोलन तेज करने की धमकी दी है।
अगर सरकार उनकी ये माँग नहीं मानेगी तो वे सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। किसानों ने ये धमकी हरियाणा सरकार द्वारा उनकी मांग पर विचार करने के लिए गठित एक समिति के साथ बैठक के निमंत्रण के बीच दी है।
गन्ना किसान संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष रामपाल चहल ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन (चारुनी) के तत्वावधान में करनाल में किसान महापंचायत कर रहे किसानों ने 20 जनवरी से राज्य की सभी चीनी मिलों को अनिश्चित काल के लिए बंद करने का फैसला किया है।
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उनका कहना है कि अगर उनकी समर्थन मूल्य में वृद्धि की मांग पूरी नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन कर सकते है।
श्री चहल ने कहा कि राज्य सरकार ने जिला प्रशासन के माध्यम से उन्हें 16 जनवरी को मामले पर चर्चा करने के लिए कृषि मंत्री जेपी दलाल की अध्यक्षता वाली समिति के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया था।
उन्होंने कहाँ है कि “बीकेयू (चारुनी) और चीनी मिल समितियों के प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल समर्थन मूल्य में वृद्धि की अपनी मांग को आगे बढ़ाने के लिए समिति से मिलेगा।
श्री चहल ने कहा की यदि कोई सौहार्दपूर्ण समाधान नहीं निकलता है, तो किसान 17 जनवरी से फसल की कटाई बंद कर देंगे और 20 जनवरी से सभी चीनी मिलों को अनिश्चित काल के लिए बंद करके आंदोलन को सुरु कर दंगे।
हरियाणा में गन्ना किसान इनपुट लागत में वृद्धि के कारण 450 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य मांग रहे हैं, लेकिन सरकार ने मूल्य को 362 रुपये प्रति क्विंटल पर अधिसूचित किया है, जो पिछले वर्ष के समान है।
हरियाणा में 14 चीनी मिल हैं जिनमें सबसे अधिक तीन करनाल में और दो-दो रोहतक और सोनीपत में हैं। जबकि सात जिलों में एक-एक चीनी मिल है, बाकी जिलों में कोई चीनी मिल नहीं है।
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श्री चहल ने कहा कि चीनी मिलों वाले जिलों में लगभग 65-70% किसान गन्ना उगाते हैं और मूल्य में वृद्धि नहीं करने के सरकार के फैसले से प्रभावित हुए हैं। उनका कहना यही है की सरकार किसानों की इस माँग को जल्द पूरा करे।