Capsicum Farming - शिमला मिर्च की खेती से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी

By : Tractorbird News Published on : 10-Oct-2024
Capsicum

शिमला मिर्च भारत में एक लोकप्रिय सब्जी है। जिसे शिमला मिर्च या मीठी मिर्च भी कहा जाता है। इसमें कैप्साइसिन नहीं होता इसलिए ये मिर्च समूह की एक महत्वपूर्ण हरी सब्जी फसल बन गई है। 

यह गर्मियों के मौसम में पहाड़ी और ठंडे इलाकों में अच्छी तरह उगाई जाती है। मीठी मिर्च विटामिन सी का अच्छा स्रोत हैं। 

शिमला मिर्च में विटामिन सी की मात्रा दोगुनी होती है। खट्टे फलों की तुलना में वजन अधिक होता है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। 

इसकी इतनी मांग होने से शिमला मिर्च की खेती भी बहुत लोकप्रिय होती जा रही है किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। 

इस लेख में हम आपको शिमला मिर्च की खेती के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। 

शिमला मिर्च की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

  • शिमला खेती के लिए दिन का तापमान 22 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड होना चाहिए, और रात में 16 से 18 डिग्री सेंटीग्रेड होना चाहिए। 
  • अधिक तापमान में फूल झड़ने लगते हैं, और परागकणों की जीवन उपयोगिता कम हो जाती है।
  • शिमला मिर्च की संरक्षित खेती अक्सर पॉली हाउस में कीटरोधी और शेड नेट लगाकर कर सकते हैं। 
  • शिमला मिर्च की खेती के लिए सामान्यत बलुई दोमट मृदा उपयुक्त होती है, क्योंकि इसमें अधिक कार्बनिक पदार्थ होते हैं और जल निकासी अच्छी होती है।

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शिमला की बुवाई के लिए भूमि की तैयारी 

  • बुवाई के लिए खेत को पाँच से छह बार जुताई कर पौध रोपण के लिए तैयार किया जाता है। 
  • अंतिम जुताई से पहले, गोबर की खाद या कम्पोस्ट को खेत में अच्छी तरह से मिलाया जाना चाहिए। 
  • तब 90 सेमी चौड़ी उठी हुई क्यारियाँ बनाई जाती हैं। 
  • ड्रिप लाईन बिछाने के बाद पौधों को 45 सेमी की दूरी पर रोपना चाहिए। ज्यादातर पौधों की दो कतार एक क्यारी पर होती हैं।

बुवाई के लिए किस्म का चयन

अधिक उपज प्राप्त करने के लिए उन्नत किस्मों का चयन करना बहुत आवश्यक है, इसलिए बुवाई के लिए येलो वंडर, ग्रीन गोल्ड, भारत , अरका बसन्त, अरका गौरव, कैलिफोर्निया वंडर, रायल वंडर, येलो वंडर, बॉम्बी, लारियो एवं ओरोबेल, क्लॉज़ इंटरनेशनल सीडस की आशा, सेमिनीश की 1865, हीरा आदि किस्मों का चयन करें।

बुवाई के लिए बीज दर 

  • शिमला मिर्ची की बुवाई के लिए पहले बीजों की बुवाई करके नर्सरी को तैयार किया जाता है। 
  • इसकी खेती के लिए सामान्य किस्म के लिए 750-800 ग्राम बीज एवं संकर शिमला किस्म के लिए 200 से 250 ग्राम प्रति हैक्टयर बीज की आवश्यकता होती है।

रोपाई के लिए नर्सरी की तैयारी 

  • शिमला मिर्च का बीज महंगा आता है, इसलिए पौध को प्रो-ट्रेज में तैयार करना चाहिए। इसके लिए अच्छी तरह से उपचारित ट्रे का उपयोग करना चाहिए। 
  • ट्रे में मीडिया को 1:1:2 की दर से वर्मीकुलाइट, परलाइट और कॉकोपीट मिलाकर भली भांति भरना चाहिए, फिर एक बीज प्रति सेल डालकर हल्का मिश्रण डालकर झारे से हल्की सिंचाई करनी चाहिए। 
  • मल्च भी आवश्यक है, एक हेक्टयर में 200-250 ग्राम संकर और 750-800 ग्राम सामान्य किस्म का बीज चाहिए।

पौध की रोपाई 

  • रोपाई के लिए 30 से 35 दिन के पोधो का चयन करना चाहिए। रोपण के लिए पौधे की लंबाई लगभग 16 से 20 सेमी और चार से छह पत्तियां होनी चाहिए। 
  • रोपाई के पूर्व पौध को 0.2% कार्बेन्डाजिम में डुबोकर पूर्व में बनाए गए छेद में लगाना चाहिए। पौधे अच्छी तरह से उठी हुई तैयार क्यारियों में रोपें। 
  • सामान्यतः, क्यारियो 90 सेमी चौड़ा होना चाहिए। 
  • ड्रिप लाइन बिछाने के बाद पौधों को 45 सेमी की दूरी पर रोपना चाहिए। ज्यादातर पौधों की एक क्यारी पर दो कतार होती हैं।

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