अमरूद की बागवानी की सम्पूर्ण जानकारी

By : Tractorbird News Published on : 25-Nov-2024
अमरूद

भारत में अमरूद एक अत्यंत लोकप्रिय फल है और यह पूरे साल उपलब्ध रहता है। 

यह किसी भी प्रकार की जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है और कम देखभाल के बावजूद अच्छी पैदावार देता है। 

इसकी उत्पादन लागत भी कम होती है क्योंकि इसे उर्वरक, सिंचाई और पौध संरक्षण की अधिक आवश्यकता नहीं होती। अमरूद एक बहुत ही पौष्टिक फल है और पोषण सुरक्षा के लिए आदर्श है। 

यह विटामिन सी, विटामिन ए, राइबोफ्लेविन और खनिज जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस और आयरन का समृद्ध स्रोत है। अमरूद में विटामिन सी की मात्रा नींबू की तुलना में 4-5 गुना अधिक होती है। 

पके अमरूद में लगभग 82% पानी, 2.45% अम्ल, 4.45% चीनी, 9.73% टीएसएस, 0.48% राख, और प्रति 100 ग्राम में 260 मिलीग्राम विटामिन सी पाया जाता है। 

आज के इस लेख में आप अमरूद की बागवानी की सम्पूर्ण जानकारी के बारे में जानेंगे।

मिट्टी और जलवायु:

  • अमरूद को उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में उगाया जा सकता है। यह 1000-1500 मीटर की ऊंचाई तक खेती योग्य है। 
  • मध्यम सर्दी और गर्मी के साथ-साथ 1000 मिमी वार्षिक वर्षा इसकी खेती के लिए आदर्श है। 
  • यह सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन गहरी, भुरभुरी, और हल्की बलुई दोमट से चिकनी मिट्टी (pH 6.5-8.5) सबसे उपयुक्त मानी जाती है। 
  • नमक सहिष्णुता के बावजूद यह जलजमाव के प्रति संवेदनशील है।

अमरूद की किस्में:

1. लाल गूदे वाली किस्में: रेड फ्लेश्ड, बनारसी सुर्खा, ललित।

2. सफेद गूदे वाली किस्में: इलाहाबाद सफेदा, लखनऊ-49।

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पौध तैयार करना:

  • अमरूद के बाग के लिए बीज से पौध उगाना उपयुक्त नहीं है। 
  • व्यावसायिक स्तर पर पैच बडिंग, एयर लेयरिंग और इनार्चिंग विधियों का उपयोग किया जाता है।
  • एयर लेयरिंग बरसात के मौसम में होती है, और जड़ संवर्धन के लिए आईबीए (3000 पीपीएम) का उपयोग किया जाता है।

पौधों की रोपाई:

  • बाग लगाने से पहले खरपतवार हटाकर खेत को साफ कर लें। पौध रोपाई का समय जुलाई-अगस्त है। 
  • 45x45x45 सेमी आकार के गड्ढे बनाएं और गड्ढों के बीच 6.5x6.5 मीटर की दूरी रखें। प्रति एकड़ 110 पौधे लगाए जा सकते हैं।

खाद और उर्वरक:

पौधों की उम्र और मिट्टी की उर्वरता के अनुसार खाद और उर्वरक डालें:

1. 1-3 वर्ष के पौधे: 10-20 किलोग्राम गोबर की खाद, 150-200 ग्राम यूरिया, 0.5-1.5 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट, 100-400 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश।

2. 4-6 वर्ष के पौधे: 25-40 किलोग्राम गोबर की खाद, 300-600 ग्राम यूरिया, 1.5-2 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट, 600-1000 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश।

3. 7-10 वर्ष के पौधे: 40-50 किलोग्राम गोबर की खाद, 750-1000 ग्राम यूरिया, 2-2.5 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट, 1100-1500 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश।

4. 10 वर्ष और अधिक उम्र के पौधे: 50 किलोग्राम गोबर की खाद, 1000 ग्राम यूरिया, 2.5 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट, 1500 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश।

गोबर की खाद की पूरी मात्रा जुलाई के दौरान डाली जाती है। ½ यूरिया, सिंगल सुपर फॉस्फेट और म्यूरेट ऑफ़ पोटाश चाहिए जून-जुलाई और अक्टूबर-नवंबर में डाला जाना चाहिए है। 

खाद और उर्वरकों को चक्र में डाला जाना चाहिए |

तुड़ाई: 

  • कलमी पौधे 2-3 वर्ष में फल देना शुरू कर देते हैं। 5वें वर्ष से अधिक पैदावार मिलती है। 
  • परिपक्व फलों का रंग गहरे हरे से हरे पीले में बदलता है। फूल आने से फल पकने में 5 महीने का समय लगता है।

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