कुसुम की खेती से जुड़ी पूरी जानकारी
By : Tractorbird News Published on : 31-Dec-2024
कुसुम एक पुरानी और महत्वपूर्ण तेल फसल है जिसे भारत में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। कुसुम उत्पादन में भारत दुनिया में अग्रणी है।
इसकी खेती मुख्य रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और बिहार में की जाती है। सही देखभाल के अभाव में कुसुम की फसल का उत्पादन घट सकता है।
कुसुम का वैज्ञानिक नाम और उपयोग:
कुसुम का वैज्ञानिक नाम Carthamus tinctorius है और यह Asteraceae परिवार से संबंधित है। इसे अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे:
- - मराठी: करड़ी
- - कन्नड़: कुसुबे
- - हिंदी: कुसुम
- - तेलुगु: कुसुमा
- - अंग्रेजी: Safflower
कुसुम के फूलों का उपयोग तेल उत्पादन के लिए किया जाता है, जिसमें 30-40% तक तेल होता है। यह तेल खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाता है।
तेल निकालने के बाद बची खल को पशुओं के चारे के रूप में उपयोग किया जाता है।
कुसुम की खेती के लिए जलवायु:
- कुसुम की फसल रबी मौसम की फसल है और इसे ठंडे मौसम की जरूरत होती है।
- यह समुद्र तल से 950-1000 मीटर की ऊंचाई तक उगाई जा सकती है। फसल के लिए 22°C से 35°C तक का तापमान आदर्श माना जाता है।
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कुसुम की खेती के लिए मिट्टी:
- कुसुम को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन बालुई दोमट, चिकनी दोमट, और जलोढ़ मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं।
- फसल के लिए मिट्टी में अच्छी जल निकासी आवश्यक है, क्योंकि पानी जमा होने से फसल को नुकसान हो सकता है।
बुवाई के लिए खेत की तैयारी:
काली मिट्टी वाले खेत में, जहाँ केवल रबी मौसम में खेती होती है, 3-4 बार जुताई करें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और बुवाई आसान हो सके।
कुसुम की उन्नत किस्में:
अधिक उपज के लिए निम्नलिखित उन्नत किस्में उपयुक्त हैं:
- - एनएआरआई-एनएच 1
- - एनएआरआई-एच 15
- - भीमा
- - पीकेवी पिंक
- - परभणी कुसुम
- - फुले कुसुम
बीज की मात्रा और बीज उपचार:
- - बीज की मात्रा: प्रति हेक्टेयर 7.5-10 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
- - बुवाई का अंतर: पौधों के बीच 45x20 सेंटीमीटर का अंतर रखें।
- - बीज उपचार: बुवाई से पहले बीज को 4 ग्राम/किलोग्राम बीज की दर से कार्बेन्डाजिम या थीरम से उपचारित करें। बुवाई से 24 घंटे पहले बीज का उपचार करना सुनिश्चित करें।
फसल में खाद प्रबंधन:
- बुवाई से 2-3 सप्ताह पहले प्रति हेक्टेयर 5 टन गोबर की खाद डालें।
- इसके अलावा, बुवाई के समय 30 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम फास्फोरस, और 25 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालें।
कुसुम की कटाई:
- फसल की परिपक्वता पर ध्यान दें। जब पौधों और पत्तियों का रंग मुरझाकर भूरा हो जाए, तो कटाई करें।
- कटाई के बाद फसल को सुखाने के लिए खेत में रखें। थ्रेशर की मदद से बीज को अलग करें और उन्हें बोरियों में सुरक्षित भंडारित करें।