जानिए बाजरे की सबसे ज्यादा उपज देने वाली किस्मों (वैरायटी) के बारे में

By : Tractorbird News Published on : 15-Jun-2023
जानिए

किसान भाइयों जैसा की आप जानते है कि अब जून का महीना आ गया है। किसानों ने खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर दी। बाजरा भी खरीफ की प्रमुख मोटे अनाज की फसल के रूप में उगाई जाती है। 

फसल की उच्च उपज पाने के लिए किसानों को अच्छी किस्मों के चयन करना पड़ता है, किसानों को आसानी हो इसलिए हमारे इस लेख में हम बाजरे की सबसे ज्यादा उपज देने वाली किस्मों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है। 

HHB - 67 वैरायटी सबसे ज्यादा उपज देने वाली पुरानी किस्म

  • बाजरे की ये किस्म सबसे कम अवधि में पक कर तैयार हो जाती है। सामान्यत 65-70 दिनों के अंतराल में पक कर तैयार हो जाती हैं।
  • HHB - 67 मुख्य रूप से राजस्थान और हरियाणा में इस की बिजाई सबसे अधिक की जाती है। 
  • HHB - 67 वैरायटी को ज्यादा पानी की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए इस की खेती बरनी इलाके में अधिक की जाती है। 
  • HHB - 67 बाजरा बीज से प्राप्त होने वाला चारा भी काफी मीठा माना जाता है। इसलिए किसान इसे पशुओं के चारे के लिए भी उगाते है। 
  • फसल रोग प्रतिरोधक क्षमता की अवधि अच्छी मानी जाती है। 

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MH-23 यानि पुसा 23 हाइब्रिड बाजरा बीज

  • इस किस्म का बाजरा 85 से 90 दिन की अवधि में पककर तैयार हो जाता है
  • पूसा-23 बाजरे में जोगिया रोग कम देखने को मिलता है
  • मुख्य रूप से जोगिया रोग से प्रभावित वाले क्षेत्रों में इस किस्म का उपयोग करना उचित माना जाता है, क्योंकि जोगिया रोग MH-23 यानि पुसा 23 बाजरा बीज में नहीं लगता है
  • मुख्य रूप से खाने और पशु चारे - दोनों रूप में इसकी खेती कर सकते है
  • इसमें पानी की आवश्यकता होती है, यानि बरसात पर आधारित वैराइटी है

नंदी बाजरा-72 और नंदी-75 Bajra 

  • काफी लंबे समय से जाना-माना ब्रांडेड नंदी बाजरा है, जिसमें नंदी-72 एवं नंदी-75 वैराइटी काफी प्रचलित है
  • इस किस्म के बाजरे को खाद्यान्न के रूप से और चारे के रूप में भी इसका काफी प्रयोग किया जाता है
  • उपज उत्पादन के हिसाब से नंदी बाजरे का उत्पादन अच्छा है
  • बाजरे की बालियाँ अच्छी मोटी और लंबी होती है। 
  • फसल में रोग कीट की बात करें, तो इनके बीजों में कम देखने को मिलते है
  • Nandi Bajra की इन किस्मो को हल्के पानी की आवश्यकता होती है, जो बरसात का पानी काफी होता है
  • फसल 90 से 95 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। 

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पायोनियर बाजरा बीज

  • पायोनियर कंपनी के बाजरे का बीज भी काफी अच्छी पैदावार देता है। 
  • किसानों की माने तो इस किस्म के बीज खाने की दृष्टि से थोड़े कड़वे तो होते हैं लेकिन पैदावार की दृष्टि से देखे तो अन्य वैराइटियों के मुकाबले 2 गुना तक उपज होती है
  • पायोनियर में अलग-अलग बाजरे की वैरायटी है, जिनको लगाकर बाजरे का अच्छा उत्पादन ले सकते हैं
  • इस किस्म के बीजों को सिंचाई की ज्यादा जरूरत होती है, थोड़े बहुत या कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में उत्पादन की दृष्टि से नुकसान दे सकती है
  • इस बीज से पैदा होने वाले बाजरे के पौधे लंबे और एक सामान होते है। 
  • pioneer bajra seeds 86m84, pioneer bajra seeds 86m88, pioneer bajra seeds 86m90 - तीन नाम से इस कंपनी का बीज आता है।

रासी 1827 बाजरा वैरायटी 

  • रासी 1827 बहुत ही अच्छी उपज देने वाली वैरायटी है इस वैरायटी से प्राप्त होने वाला बीज उत्तम क्वालिटी का होता है। 
  • इस वैरायटी की फसल 90 दिनों में पक के तैयार होती है। 
  • विशेषताए - अच्छी पौधे की ऊंचाई, ठहरने की सहनशीलता, कटाई तक हरा-भरा रहता है
  • रासि कंपनी के इन बीजों को ज्यादा सिंचाई की जरूरत होती है, जिससे उत्पादन भी अच्छा देखने को मिलता है। 

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कावेरी सुपर बॉस बाजरा बीज

  • यदि किसान के पास अच्छी सिचाई और पानी की सुविधा है, तो इस बाजरा के बीज की बुवाई कर सकते है। सुपर बॉस बाजरा बीज के मानकों के अनुसार पूर्ति करने पर किसानों को उत्पादन को लेकर काफी अच्छा फायदा होता है। 
  • ये वैरायटी भी 90 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। 
  • इस वैरायटी से अनाज और चारे की उपज अच्छी मिलती है। 

TATA MP 7172 और 7878

  • TATA की ये दोनों वैरायटी भी अच्छी उपज देती है। 
  • ये दोनों वैरायटी पकने में 90 दिनों का समय लेती है। यदि किसान के पास सिचाई की सुविधा है तो दो सिंचाई करने से फसल की उपज में इजाफा होता है। 

बलवान बाजरा बीज

Nuziveedu Seeds Bajra Hybrid Balwan – यह कंपनी भी कृषि क्षेत्र में अपना अलग ही स्थान रखती है यानि अच्छी बीजों मे गिनी जाती है। बलवान बाजरा की फसल काफी ऊंचाई में होती है, तथा कड़बी चारा भी अधिक मात्रा में होता है। बलवान बाजरा बीज का उत्पादन भी अच्छा होता है और खाने की दृष्टि से देखें तो यह मीठा बाजरा माना जाता है। बरसात के पानी से भी अच्छा खासा उत्पादन देती है, यानी इस किस्म को हल्का पानी चाहिए

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MH-23 यानि पुसा 23 हाइब्रिड बाजरा बीज

इस किस्म का बाजरा 85 से 90 दिन की अवधि में पककर तैयार हो जाता है। पूसा-23 बाजरे में जोगिया रोग कम देखने को मिलता है मुख्य रूप से जोगिया रोग से प्रभावित वाले क्षेत्रों में इस किस्म का उपयोग करना उचित माना जाता है, क्योंकि जोगिया रोग MH-23 यानि पुसा 23 बाजरा बीज में नहीं लगता है मुख्य रूप से खाने और पशु चारे - दोनों रूप में खेती कर सकते है। कम पानी की आवश्यकता होती है, यानि बरसात पर आधारित वैराइटी है

नोट: किसान भाइयों बिजाई सीड ड्रिल से करें ताकि पंक्ति से पंक्ति की और कतार से कतार की दुरी उचित बनी रहे। एक एकड़ में बिजाई करने के लिए 15 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है।

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