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किसानों के लिए क्यों आवश्यक है मिट्टी जाँच कराना

By : Tractorbird News Published on : 12-Dec-2022
किसानों

मिट्टी जाँच मृदा स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है।

मिट्टी जाँच में इसमें उपस्थित तत्वों जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, सल्फर, जिंक, कॉपर, मैंगनीज, आयरन व बोरोन आदि तत्वों का विश्लेषण किया जाता है।

इस के अतिरिक्त पी एच आर्गेनिक कार्बन अवं विधुत चालकता को भी जाँचा जाता है। 

इन  जाँचो  के आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाये जाते है।

इस कार्ड में इन तत्वों को उपयुक्त मात्रा, कमी या अधिकता का वर्णन होता है। 

यह कार्ड व इसमें दिए गए सुझावों द्वारा किसान खादों की मात्रा का सही अनुमान लगाकर पैसों की बचत कर सकता है। 

इस कार्ड में मिट्टी की गुणवत्ता अर्थात भौतिक एवं रासायनिक गुणों का जिकर होता है। इस आधार पर मिट्टी के अम्लीय या क्षारीय प्रकृति का अनुमान लगाया जाता है।

यदि मिट्टी अम्लीय है, तो लाइम का प्रयोग और क्षारीय है, तो जिप्सम का प्रयोग करके उत्पादकता एवं मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाया जा सकता है। 

मिट्टी जाँच सभी किसानों के लिए नि:शुल्क की जाती है। 

मिट्टी का सैंपल कैसे लें

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सैंपल लेने के लिए खुरपी से कम से कम 15 सेंटीमीटर गहरा गढ्ढा खोदकर वहां से सैंपल लें। 

सैंपल को हाथ से नहीं निकालें, मिट्टी का सदैव खुरपी या फावड़े की मदद से सैंपल लें। 

खेत में अलग-अलग जगहों से कई सैंपल लें, चारों कोनो से खेत के मध्य में से सैंपल लेना होता है। 

सैंपल लेते समय ये घ्यान रखें की सैंपल हमेशा साफ-सुथरी जगहों से सैंपल लेना चाहिए। 

सैंपल खेत की मेड के पास से ना ले खेत के 2 फीट अंदर से सैंपल लाना चाहिए।

सुखी मिट्टी का सैंपल लाना चाहिए।  

चारों कोंनों  से और खेत के बिच से लिए गये मिट्टी के सभी सैंपलों को मिलाकर केवल 500 ग्राम मिट्टी तैयार करें। 

सैंपल हमेशा साफ-सुथरी थैली में ही रखें, इसे किसी भी खाद या उर्वरक की थैली में न रखें। इस तरह आपकी मिट्टी लैब में जाने को तैयार है।

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