जई की फसल बेहद अहम अनाज और चारे की फसल है। जई की खेती गेहूं की खेती में काफी समानता है।
जई की खास तौर पर संयमी और उप उष्ण कटबंधी क्षेत्रों में पैदावार की जाती है। जई का उत्पादन ज्यादा ऊंचाई वाले तटीय क्षेत्रों में भी काफी शानदार होता है।
यह अपने स्वास्थ संबंधी लाभ के चलते अत्यंत मशहूर है। जई वाला खाना मशहूर खानों में शम्मिलित किया जाता है।
जई में प्रोटीन और रेशे की प्रचूर मात्रा होती है। यह भार घटाने, ब्लड प्रैशर को नियंत्रित करने और बीमारियों से लड़ने की सामर्थ्य को बढ़ावा देने में भी सहायता करती है।
जई की खेती बड़ी आसानी से किसी भी प्रकार की मृदा में की जा सकती है। जई की खेती बेहतर जल निकासी वाली चिकनी रेतली मिट्टी, जिसमें जैविक तत्व हों, जई की खेती के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। जई की खेती के लिए 5-6.6 पी एच वाली मृदा सर्वोत्तम होती है।
1. वेस्टन-11: यह किस्म 1978 में पंजाब में जारी की गई। इस किस्म के पौधों का कद 150 सैं.मी. होता है। इसके दाने लंबे और सुनहरी रंग के जैसे होते हैं।
2. केंट: यह भारत के सभी इलाकों में उगाने योग्य किस्म है। इसके पौधे का औसतन कद 75-80 सैं.मी. होता है।
3. ओएल-10: यह पंजाब के सारे सिंचित इलाकों में उगाने योग्य किस्म है। इसके बीज दरमियाने आकार के होते हैं। इसकी चारे के तौर पर औसतन पैदावार 270 क्विंटल प्रति एकड़ है।
4. ओएल-9: यह पंजाब के सारे सिंचित इलाकों में उगाने योग्य किस्म है। इसके बीज दरमियाने आकार के होते हैं।
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2. एचएफओ-114: यह जई उगाने वाले सारे इलाकों में उगाई जा सकती है। यह 1974 में हिसार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी की गई। यह किस्म लंबी और भुरड़ रोग की रोधक है।
3. अल्जीरिन: यह किस्म सिंचित इलाकों में उगाने योग्य किस्म है। पौधे का औसतन कद 100-120 सैं.मी. होता है। इसका शुरूआती विकास मध्यम होता है और पत्ते हल्के हरे रंग के होते हैं।
4. ओएस-6: यह भारत के सभी इलाकों में उगाई जा सकती है। इसकी चारे के तौर पर औसतन पैदावार 210 क्विंटल प्रति एकड़ है।
5. बुंदेल जय 851: यह भारत के सभी इलाकों में उगाई जा सकती है। इसकी हरे चारे के तौर पर औसतन पैदावार 188 क्विंटल प्रति एकड़ है।
खेत को खरपतवार रहित बनाने के लिए सही तरीके से जोताई करें। कृषक उत्तम उपज प्राप्त करने के लिए 6-8 बार जोताई करें।
जई की फसल जौं और गेहूं की फसल की तुलना में ज्यादा पी एच वाली मृदा को सहन कर सकती हैं। जई की फसल को बीजों की मदद से उगाया जाता है।