जैसा की आप जानते है पिछले महीने हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया हैं। किसानों की लाखों रुपये की फसल बर्बाद हो गई। मगर किसानों की समस्याएं यही कम नहीं हो रही हैं।
किसानों की फल, सब्जी की बुवाई में भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अधिक पैदावार होने पर मंडियों में सब्जियों का भाव किसानों को नहीं मिल पा रहे हैं। किसान मंडियों में अपनी फसल लेकर पहुँच रहे है पर व्यापारी मन माने भाव में फसल खरीद रहे है जिससे किसान बहुत आहत है।
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इस साल मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों से शिमला मिर्च की अधिक बुवाई करने की अपील की थी क्योकि गेंहू की बुवाई से ज्यादा पानी की खपत होती है। सरकार की इस बात को मान कर किसानों ने ज्यादा शिमला मिर्च की बुवाई कर ली और मानसा जिलें के किसानों ने शिमला मिर्च की अच्छी पैदावार उपज भी प्राप्त कर ली।
परंतु किसान जब अपनी शिमला मिर्च की फसल को बचने के लिए मंडी में पहुंचे तो वहां उनकी शिमला मिर्च के दाम 1 रुपये किलो लगा दिए गए। जिससे किसानों ने ग़ुस्से होकर ट्रॉली में लदे शिमला मिर्च को सड़कों पर फेक दिया।
ज्यादा पैदावार होने से शिमला मिर्च की मंडी में अवाक् ज्यादा हो रही है जिससे व्यापारियों ने किसानों पर शिमला मिर्च 1 रुपये प्रति किलो बेचने पर दबाव बनाया। इससे किसान बहुत आक्रोशित हो गए और शिमला मिर्च को सड़क पर फेकने लगें।
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पंजाब में 3 लाख हेक्टेयर में हरी सब्जियों की बुवाई की जाती हैं। जिस में से 1500 हेक्टेयर में शिमला मिर्च का उत्पादन होता है। फिरोजपुर, संगरूर और मानसा जिले में सबसे अधिक शिमला मिर्च की खेती की जाती है।