सरसों में ओरोबंकी, रुखडी, मरगोजा, जड़ से निकलने वाला खरपतवार को कैसे करें नियंत्रण?

By : Tractorbird News Published on : 05-Jan-2023
सरसों

ओरोबंकी/ मारगोजा सरसों का खतरनाक खरपतवार है| इससे सरसों की फसल की पैदावार 45 प्रतिशत तक कम हो सकती है। ओरोबंकी/ मारगोजा खरपतवार पूरी तरह से सरसों की जड़ पर निर्भर होता है। ये सरसों की जड़ में उगता है जिसके कारण ये सरसों की जड़ से सारे पोषक तत्व खींच लेता है | जिसके कारण जहाँ 10 क्विन्टल फसल होनी चाहिए वहाँ पर फसल की पैदावार 3 क्विन्टल तक कम हो जाती है। 

ओरोबंकी/ मारगोजा का प्रसार कैसे होता है?

ओरोबंकी/ मारगोजा का प्रसार हर साल बीज द्वारा होता है। यह खरपतवार प्रति पौधे 1 -5 लाख बीज बनाने की क्षमता रखता है और यह बीज बहुत छोटे होते है जिन्हें नंगी आँखो से देख पाना भी मुश्किल होता है। भूमि में पड़ने के बाद ये बीज सामान्त 10-15 वर्ष तक भी जमीन में पड़ा रहने के बाद भी पुनः उगने की क्षमता रखते है।

सरसों की बिजाई के कितने दिन बाद खरपतवार उगना शुरू हो जाता है?

  • सरसों की बिजाई के 6 दिन बाद यह पौधा उगना शुरू हो जाता है। जमाव के 7-8 दिन बाद सरसों की जड़ें एक रसायन छोड़ती है जिससे सरसों के पौधे के पास पड़े बीज उत्तेजित हो कर उग जाते हैं।
  • उगने के बाद यह खरपतवार छोटी छोटी नशों द्वारा सरसों की जड़ो में घुस कर अपना संबंध बना लेता है और सरसों की फसल को नुकसान पहुंचाता है। 
  • सरसों की बिजाई के 45-60 दिन तक यह खरपतवार जमीन के अंदर ही रहता है और बिजाई के 45-60 दिन बाद बाहर आने पर 8-10 दिन बाद फूल बना कर बीज बनाना शुरू कर देता है। 

कौन से खरपतवारनाशक का प्रयोग करें?

बिजाई के 30 दिन के बाद राउंड अप (ROUND UP) या ग्लाइसल 25 ग्राम (GLYCEL 25 G) का 150 लीटर पानी में घोल बना कर  प्रति एकड़ मैं  छिड़काव करें। इस खरपतवारनाशी का दुसरा छिड़काव 50-55 दिन बाद 50 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। छिड़काव एक सार करें अथवा कट या टक वाली नोजल का इस्तेमाल करें। छिड़काव से 3-4 दिन पहले या बाद में सिंचाई अवश्य करें। 

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सरसों में इस के प्रकोप को कम करने के लिए और क्या कार्य किये जा सकते हैं?

  • गर्मी के महीनों में ओरोबंकी/ मारगोजा ग्रस्त खातों की गहरी जुताई 9-10 सेंटीमीटर मिटटी पलटने वाले हल से करें। 
  • किसान भाई ध्यान रखें की आज तक किसी भी देश में सरसों की कोई भी ऐसी किस्म उपलब्ध नहीं है जो ओरोबंकी/ मारगोजा के प्रकोप को कम कर सके। आप बीज ऐसा प्रयोग करें स्वस्थ और प्रमाणित हो और बीज में ओरोबंकी/ मारगोजा के बीज न हो। 
  • बिजाई के समय नाइट्रोजन के लिए यूरिया खाद देने पर सरसों की फसल की बढ़वार अच्छी होने से ओरोबंकी/ मारगोजा का उगाव कम होता है। पहले पानी पर 50 किलोग्राम यूरिया व दूसरे पानी पर भी 25 किलोग्राम यूरिया जरूर दें। 
  • अगर आप के खेत में ओरोबंकी/ मारगोजा का प्रकोप ज्यादा होता है तो सरसों के स्थान पर चना, जौ या गेंहू की फसल की बुवाई करें। 
  • सिंचाई समय पर और अच्छी करने से भी ओरोबंकी/ मारगोजा को ख़त्म किया जा सकता है क्युकि ये खरपतवार ज्यादा नमी सहन नहीं कर पाता है।

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