क्या होता है अमलतास? जानिए इसकी खेती के बारे में

By : Tractorbird News Published on : 24-Aug-2024
क्या

अमलतास के फल को वैज्ञानिक रूप से *रिसिनस कम्युनिस* के नाम से जाना जाता है, जबकि अमलतास, गोल्डन शॉवर ट्री, इंडियन लबर्नम, और लैंटर्न ट्री इसके स्थानीय नाम हैं, जो फैवेशी/फैबासीई परिवार से संबंधित है। 

इसका मूल स्थान भारत और मलेशिया है, लेकिन यह पूरे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। 

यह एक सदाबहार वृक्ष है, जिसकी ऊँचाई लगभग 12 से 14 मीटर होती है। इसकी सामान्य वृद्धि दर होती है और इसके पत्ते 35 से 40 मीटर लंबाई तक होते हैं।

कैसे होते है अमलतास के फूल ?

इसके फूल चमकीले पीले रंग के होते हैं, जो गुच्छों में लटकते हैं, जिनकी लंबाई 30 से 50 सेमी होती है। 

इसमें छोटी चमकीली पत्तियों का समूह होता है और इसके फल गहरे भूरे रंग के बेलनाकार होते हैं, जिनकी लंबाई 70 सेमी तक होती है।

जलवायु और स्थान

  • जलवायु: अमलतास की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु उपयुक्त होती है। इसे गर्म और नम जलवायु पसंद है।
  • तापमान: यह वृक्ष 10 से 38 डिग्री सेल्सियस के तापमान को सहन कर सकता है। ठंड और पाले से इसका नुकसान हो सकता है।
  • वर्षा: अमलतास की खेती के लिए 600 से 1300 मिमी. तक की वार्षिक वर्षा उपयुक्त मानी जाती है। इसके साथ ही अच्छी जल निकासी वाली भूमि होना जरूरी है।

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मिट्टी का चयन

  • अमलतास के लिए सभी प्रकार की मिट्टी अनुकूल मानी जाती है। यह क्षारीय, दोमट और बलुई मिट्टी में भी अच्छी तरह से विकसित हो सकता है।
  • भूमि में जलनिकासी अच्छी होनी चाहिए ताकि जलभराव से बचा जा सके।

प्रचारण विधि

  • बीज द्वारा प्रचारण: अमलतास का प्रचारण बीज द्वारा किया जाता है। इसके बीजों का बाहरी आवरण कठोर होता है, जिससे अंकुरण कठिन हो जाता है। 
  • इसलिए बीज बोने से पहले इन्हें स्कारिफिकेशन (बाहरी आवरण को पतला करने की प्रक्रिया) किया जाता है।
  • बीज बोने का समय: नर्सरी में बीजों को अप्रैल और मई में बोया जाता है, और यह पौधे सितम्बर महीने तक रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं।

सूखे के प्रति सहनशील होता है अमलतास 

  • प्रबंधन तकनीक के अनुसार, इस वृक्ष के नाजुक भागों को पाले से बचाने की आवश्यकता होती है। 
  • यह वृक्ष सूखे के प्रति सहनशील होता है, लेकिन तापमान गिरने पर इसके पत्ते पूरी तरह झड़ जाते हैं। 
  • गर्मियों में इसे हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है और इसकी टहनियों का शिरे से मरना देखा गया है।

फसल कटाई और उत्पादन

  • अमलतास की परागण मधुमक्खियों द्वारा की जाती है और यह प्रति वर्ष 2 मीटर तक बढ़ता है। 
  • इसके बीजों की अंकुरण क्षमता एक वर्ष से अधिक तक बनी रहती है, जब इन्हें कमरे के तापमान पर रखा जाए।
  • परिपक्वता: अमलतास का वृक्ष 7वें वर्ष के बाद परिपक्व होता है।
  • फलियों की कटाई: फली नवम्बर-दिसम्बर के महीने में परिपक्व होती हैं। एक परिपक्व पेड़ से 300 से 500 फलियाँ प्राप्त की जा सकती हैं।
  • उपज: एक स्वस्थ वृक्ष से उचित देखभाल और प्रबंधन से अच्छी उपज प्राप्त होती है।

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