बायो डी-कंपोजर क्या है और ये कैसे लाभदायक हैं ? जानिए

By : Tractorbird News Published on : 23-Oct-2024
बायो

इस लेख में हम जानेंगे कि किसान बायो डी-कंपोजर का उपयोग करके अपनी खेती को अधिक लाभदायक कैसे बना सकते हैं। 

बायो डी-कंपोजर की मदद से किसान अपनी फसल को बैक्टीरियल और फंगल बीमारियों से बचा सकते हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

जैविक कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित 

  • बायो डी-कंपोजर को जैविक कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित किया गया है। इसमें खाद, कीटनाशक या फफूंदनाशक की आवश्यकता नहीं होती, सिर्फ बायो डी-कंपोजर का उपयोग करके फसल को बीमारियों से बचाया जा सकता है। 
  • यह विधि किसानों के लिए नई और किफायती साबित हो रही है। इसके इस्तेमाल से किसान की उत्पादन लागत में कमी आती है, और उन्हें कीटनाशक एवं खादों पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ता।

डी-कंपोजर कैसे तैयार करें? 

  • सबसे पहले, एक बड़ी टंकी या ड्रम में 200 लीटर पानी भरें और उसमें 2 किलोग्राम पुराना गुड़ मिलाएँ। 
  • फिर बायो डी-कंपोजर को एक बोतल में निकालकर लकड़ी की सहायता से घोलें, लेकिन पानी को हाथ से न छुएँ। 
  • रोज़ाना इस घोल को 5 मिनट तक लकड़ी से मिलाएं। 7 दिनों के बाद यह मिश्रण मिट्टी के रंग जैसा हो जाएगा।
  • कंपोस्ट बनाने के लिए, छायादार जगह पर प्लास्टिक शीट बिछाकर उस पर 1 टन गोबर की खाद फैलाएं और उस पर 20 लीटर तैयार घोल का छिड़काव करें। 
  • यह प्रक्रिया तब तक दोहराएं जब तक 200 लीटर घोल समाप्त न हो जाए। खाद में कम से कम 60% नमी बनाए रखें। 40-50 दिनों में कंपोस्ट तैयार हो जाएगा।

ये भी पढ़ें: इस योजना के तहत किसानों को गाय के गोबर की खाद बनाने पर मिलेंगे 10 हजार

बायो डी-कंपोजर के फायदे 

  • बायो डी-कंपोजर का उपयोग फसल को बर्बादी से बचाने के अलावा, उसे कई लाभ पहुंचाता है।
  • 30 लीटर बायो डी-कंपोजर को 70 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से फसल को विभिन्न बीमारियों से बचाया जा सकता है, जैसे मृदा एवं जीवाणुजनित बीमारियाँ। 
  • 10 दिन के अंतराल पर इस घोल का छिड़काव करने से कीट नियंत्रण में मदद मिलती है। 
  • बायो डी-कंपोजर को ड्रिप सिंचाई या स्प्रिंकलर सिंचाई दोनों में उपयोग किया जा सकता है।

कैसे करें बायो डी-कंपोजर का छिड़काव? 

  • बायो डी-कंपोजर को 3 भाग पानी में मिलाकर खेतों में स्प्रे करें ताकि फसल को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें और बीमारियों से सुरक्षा मिल सके। 
  • जिन किसानों ने इसका उपयोग किया है, उन्होंने अपनी फसल में किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं पाई है, और इसका उपयोग करने से उर्वरक की आवश्यकता भी कम हो जाती है।

इस लेख में बायो डी-कंपोजर के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया गया है। अगर आप खेती से जुड़ी और महत्वपूर्ण जानकारी चाहते हैं, तो आप हमारी वेबसाइट 'ट्रैक्टरबर्ड' पर जा सकते हैं।

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