भारत एक ऐसा देश है जहाँ बड़ी मात्रा में पेड़ों की खेती जाती है। उनमें से एक पेड़ आम का भी है जिसकी खेती बहुत ही बड़े पैमाने पर की जाती है। आम की खेती में बहुत महनत भी लगती है लेकिन इसकी पैदावार भी काफी बड़े पैमाने पर की जाती है।
अगर आम की खेती को सही तरीके से किया जाए और इसका बचाव कीटो से किया जाए तो ये आम का पेड़ बहुत अधिक मात्रा में उत्पादन कर सकता है। इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं आम के पेड़ को कीटो से कैसे बचाया जाए।
भारत के अंदर अलग अलग राज्यों में आम की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है। इस साल भी कई राज्यों में आम की खेती की गयी है। इस साल आम के पेड़ पर पर बहुत अच्छे फूल खिले है और काफी मंजर आये हैं। इससे हमारे देश के किसान बहुत खुश हैं। भारत के कुछ ऐसे प्रमुख राज्य हैं जहाँ ये मंजर काफी मात्रा में हुए हैं।
इन मंजर को ज्यादातर यूपी, बिहार, एमपी, राजस्थान, हरियणा में देखा गया है। इन राज्यों के किसान काफी खुश हैं लेकिन इन्हें ये भी समझना होगा की कीटो से आम को बचाना भी होगा और ज्यादा मात्रा में उत्पादन करना होगा। ये तभी संभव है जब किसान मंजर की देखभाल अच्छे से करेंगे। आम के मंजर की देखभाल के साथ-साथ समय पर कीटनाशक पदार्थ का भी छिड़काव करना ज़रूरी है।
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सभी कृषि वैज्ञानिकों ने मंजर को बचने के लिए इस विषय पर अलग अलग टिप्पणी दी आइये बात करते हैं कुछ ऐसे ही उपायों पर :
इन उपायों को करने से मंजर की अच्छे से देखभाल होगी और कम से कम कीट आम के पेड़ पर लगेंगे। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया की मंजर को कई तरीके से बचाया जा सकता है।
कृषि वैज्ञानिक डॉ अवधेश कुमार ने बताया कि जब आम के पेड़ पर मंजर आ जाता है और उसमें दाने पड़ने लगते हैं तभी उसमें छिड़काव किया जाना चाहिए ताकि उनमें नमी बानी रहे और देखभाल हो सके। मंजर आने के बाद बिलकुल भी जहरीले रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए इन रासयनिक पदार्थ से फल जहरीले हो सकते हैं जिससे कई बीमारियां लग सकती हैं। इसी वजह से किसान को आम के पेड़ की खेती बहुत ही देखभाल के साथ करनी चाहिए। किसान को आम के पेड़ों में भरपूर मात्रा में पानी देना चाहिए।
इससे पेड़ों में नमी बरकार रहेगी और बढ़ती हुई गर्मी से भी आराम मिलेगा। इसके साथ ही जैसे ही मंजर के दाने बड़े होने लगें और उनका आकार सरसों जैसा हो जाये तब उनमें कीटनाशक और फंफूदी नाशक दवा से भी छिड़काव करें। जब यही दाना बड़ा होने लगे और मटर जैसा दिखाई दे तो पेड़ पर प्लानोफिक्स 5 से 6 एमएल प्रति दस लीटर पानी में मिलाकर 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें। इससे भी मंजर की काफी हद तक देखभाल होगी और अनावश्यक टिकोले भी नहीं गिरेंगे।
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अगर हम बात करें मथुआ कीटो की तो बिहार कृषि विभाग ने बताया की मथुआ कीट लग जाने से मंजर में कालापन आ जाता है। आइये बताते हैं छिड़काव कैसे करें :
इस छिड़काव की प्रक्रिया से आप अपने आम के पेड़ों के मंजर को बचा सकतें हैं और सिर्फ उन्ही रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल करें जो कृषि वैज्ञानिकों ने बताया है। इस लेख में हमने आपको बताया कि आप आम की खेती को कीटनाशक पदार्थों से कैसे बचा सकते हैं ।
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