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मसालों की खेती करने पर बढ़ेगी आय, मिलेगा इस योजना का लाभ

By : Tractorbird News Published on : 07-Mar-2023
मसालों

भारत में मसालों की खेती बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है। छत्तीसगढ़ राज्य में  किसानों का रुझान मसाला खेती की ओर बढ़ रहा है। मसाला खेती के बढ़ने से विभिन्न जिलों में इससे संबंधित उद्योग भी खुलने लगे हैं। केन्द्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार ने भी मसाला खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रखी हैं। राज्य के दूर दराज के शुष्क क्षेत्रों में स्थित विषम जलवायु में भी मसाला उत्पादित किया जा रहा है। मसाला खेती में कम लागत लगती है और साथ ही इसकी अच्छी पैदावार भी होती है। 

भारत देश दुनिया में सबसे ज्यादा मसाला उत्पादक देश है। दुनिया की करीब 60 प्रतिशत मसाला की आपूर्ति भारत से ही होती है। देश में हर साल अनुमानित 12.50 लाख हैक्टेयर में मसालों की खेती होती है जिससे करीब 10.5 लाख टन मसालों का उत्पादन होता है। इनमें जीरा और धनिया अकेले ही करीब 10 लाख से ज्यादा है। 

किस राज्य में हो रही है मसाले की खेती 

जैसा की हम जानते हैं देश के कई ऐसे राज्य हैं जहाँ मसाले की खेती की जाती है। छत्तीसगढ़ उन राज्यों में से एक है इस राज्य में बड़े पैमाने पर मसाले की खेती हो रही है। अगर हम हेक्टेयर की बात करें तो राज्य में अभी 66081 हेक्टेयर में मसालों की खेती की जा रही है और 4 लाख 50 हजार 849 मीट्रिक टन मसालों का उत्पादन हुआ है। इस राज्य में हल्दी का क्षेत्र और उत्पादन सबसे अधिक है। साथ ही में और भी मसालों का उत्पादन इस राज्य में किया जाता है जैसे की (अदरक, धनिया, लहसुन, मिर्च, इमली) इनकी भी खेती बहुत बड़े पैमाने पर की जा रही है।

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छत्तीसगढ़ में मसालों की खेती का दायरा बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार के द्वारा चलायी गई योजना का असर किसानों पर दिख रहा है किसान नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं छत्तीसगढ़ में जो किसान धान के साथ-साथ परंपरागत फसलों की खेती करते रहे हैं, वे मसालों की खेती की तरफ भी रूख कर रहे हैं। 

छत्तीसगढ़ की मिट्टी मसालों के लिए अनकूल है जिस वजह से इस मिट्टी में मसालों का उत्पादन भी अच्छा होता है। किसानों की बात करें तो उनकी खेती के अच्छे उत्पादन के साथ-साथ किसानों को अच्छी आमदनी भी मिल रही है अगर हम बात करें मसालों के उत्पादन की तो इस समय चार लाख मीट्रिक टन से भी ज्यादा है 

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है छत्तीसगढ़ की भूमि मसाले की खेती के लिए अनुकूल है जिस वजह से यहाँ के लोग मसाले की खेती का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करते हैं। मसाले की खेती जैसे (हल्दी,अदरक ,अजवाइन, लाल मिर्च, लहसुन, इमली) इत्यादि बड़ी तादात में की जाती है। छत्तीसगढ़ के पास के छेत्रों में भी इन मसालों की खेती की जाती है।  

किन योजनाओं से मिल रही है किसानों को मदद 

सरकार के द्वारा किसानों के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं बनायीं गयी है जिससे की उन्हें मसालों की खेती करने पर किसी प्रक्कर की कोई दिक्कत न हो। हम बात करेंगे यहाँ दो योजनाओं के बारे में :

  • राष्ट्रीय बागबानी मिशन 
  • राष्ट्रीय कृषि योजना 

योजना                                  हेक्टेयर                      उत्पादन 

राष्ट्रीय बागबानी मिशन             13302                       93114 

राष्ट्रीय कृषि योजना                  1837.29                    12861 

इतनी मीट्रिक टन का उत्पादन इन योजनाओं द्वारा किया गया है और इस उत्पादन से 3500 से अधिक किसानों को लाभ मिला है। 

किसान मयंक तिवारी धनिया की खेती करते हैं और बताते हैं कि एक हेक्टेयर में बीज बोने पर लगभग 20 हजार रुपये तक का खर्च आता है। फसल पूरी होने पर कम से कम 60 से 65 हज़ार तक की आमदनी हो जाती है। और उन्होंने बताया की सारे खर्चे निकालकर उन्हें 40 से 45 हज़ार तक का लाभ हो जाता है। 

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हल्दी की खेती भी बड़े पैमाने पर की जा रही है इस छेत्र की किसान (अरपा त्रिपाठी, गोपाल मिश्र, संजय त्रिपाठी और जैनु राम) ने मिलकर 12.208 हेक्टेयर में हल्दी की खेती की है, उन्हें 250-300 मीट्रिक टन उत्पादन की आस है | 

मसालों की नयी किस्मों की खोज 

एस.एच. टूटेजा जो कृषि वैज्ञानिक हैं उन्होंने बताया की धनिये की नयी किस्मों की खोज जारी है। इसी तरह हल्दी की भी नयी किस्म विकसित की गयी है। एस.एच. टूटेजा ने कहा की छत्तीसगढ़ में मसाले की खेती का उत्पादन बहुत अच्छे से हो रहा है और किसान अच्छे से मसाले की खेती कर रहे हैं।

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