Fertigation क्या होता है, जानिए इसके लाभ?

By : Tractorbird News Published on : 30-Jun-2023
Fertigation

दोस्तों जब drip irrigation system में पानी के साथ साथ fertilizer, कीटनाशक और अन्य water soluble Chemicals को सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है तो इसे fertigation बोलते है। fertigation के इस्तेमाल से पानी के साथ रासायनिक उर्वरकों की अधिक मात्रा में बचत होती है और रसायन और उर्वरकों का पौधे द्वारा पूरी मात्रा में उपयोग किया जाता है।

फर्टिगेशन दो शब्दों से मिल कर बना है जिसका अर्थ है फर्टिलाइजर अर्थात उर्वरक और इर्रिगेशन अर्थात सिंचाई उर्वरकों को सिंचाई जल में मिश्रित कर उर्वरक अंतः क्षेपक यंत्र की सहायता से ड्रिपरों द्वारा सीधे पौधों तक पंहुचाया जा सकता है। फर्टिगेशन उर्वरक देने की सर्वोत्तम तथा अत्याधुनिक विधि है।

फर्टिगेशन को फसल एवं मृदा की आवश्यकताओं के अनुरूप उर्वरक व् पानी का समुचित स्तर बनाए रखने के लिए अच्छी तकनीक के रूप में जाना जाता है। फर्टिगेशन द्वारा उर्वरकों को कम मात्रा में जल्दी जल्दी और कम अंतराल पर सिचाई के साथ दे सकते है।

फर्टिगेशन के इस्तेमाल से उर्वरक पानी के साथ सीधे पौधे की जड़ो में दिए जाते है, जिससे पौधे द्वारा सम्पूर्ण पोषक तत्वों का इस्तेमाल होता है।

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फर्टिगेशन में ज्यादातर तरल उर्वरकों और रसायन का प्रयोग करते है, दानेदार और सूखे उर्वरकों को भी फर्टिगेशन के माध्यम से फसलों में दिया जा सकता है। 

दानेदार और सूखे उर्वरकों को देने से पहले ये ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि पहले उर्वरक को बाल्टी में पानी ले कर उसमे घोल बना ले जिससे की फर्टिगेशन के माध्यम से उर्वरक पौधे की जड़ो में आसानी से जा सके। उर्वरकों के घोल को डालने से पहले छान लेना चाहिए।

किस प्रकार के उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है?

फर्टिगेशन के माध्यम से दिए जाने वाले उर्वरक पानी में घुलनशील होने चाहिए जिससे की वे आसानी से पौधों की जड़ो में जा सकें। यूरिया और पोटाश जैसे कई उर्वरक पानी में घुलनशील है, बाजार में ये उर्वरक तरल रूप में आसानी से उपलब्ध है। किसान फॉस्फोरस पोषक तत्व के लिए उन उर्वरक को काम में ले जिनमें फॉस्फोरस का स्वरूप फास्फोरिक एसिड में हो क्योंकि ये तरल रूप में बाजार में उपलब्ध होते है। Fe, Mn, Cu, B, Mo पौषक तत्वों को भी फर्टिगेशन के माध्यम से पानी में दिया जा सकता है।

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फर्टिगेशन से लाभ

  • फर्टिगेशन पानी एवं पोषक तत्वों के नियमित प्रवाह को सुनिश्चित करता है, जिससे पौधों की वृद्धि दर तथा गुणवत्ता में वृद्धि होती है। 
  • फर्टिगेशन द्वारा पोषक तत्वों को फसल की मांग के अनुसार उचित समय पर दे सकते है। फर्टिगेशन पोषक तत्वों की उपलब्धता और पौधों की जड़ों के द्वारा उपयोग बढ़ा देता है। 
  • फर्टिगेशन उर्वरक देने की विश्वस्तरीय और सुरक्षित विधि है। 
  • फर्टिगेशन से पानी और उर्वरक पौधों के मध्य न पहुंचकर सीधे उनकी जड़ों तक पहुंचते हैं। इसलिए खरपतवार कम संख्या में उगते हैं। 
  • फर्टिगेशन से भूमिगत जल प्रदूषण नहीं होता है। फर्टिगेशन से फसलों के वृद्धि काल में उत्पादन को बिना कम किए, उर्वरक दिए जा सकते हैं। 
  • उर्वरक अन्य विधि की अपेक्षा फर्टिगेशन सरल सुविधाजनक है, जिससे समय और श्रम की बचत होती है। 
  • ड्रिप द्वारा फर्टिगेशन से बंजर (रेतीली या चट्टानी मिट्टी) में जहां जल एवं तत्वों को पौधे के मूल क्षेत्र के वातावरण में नियन्त्रित करना कठिन होता हो वहां भी फसल ली जा सकती है।

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