भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ अलग - अलग तरीके की खेती की जाती है। हमारे देश में खेती बहुत बड़े स्तर पर की जाती है जहाँ पर अलग - अलग तरीके की खेती होती है जैसे की (गेहूं, चावल, बाजरा, सरसों, दाल, आलू)। लेकिन इसके अलावा भी किसान फलों की खेती बहुत बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। किसानों को फलों की खेती से भी बहुत ज्यादा फायदा होता है। फलों की खेती करने से भी किसान भाई लाखों का मुनाफा कमाते हैं। आज हम इस आर्टिकल में आपको बताने वाले हैं एक ऐसे ही किसान के बारे में जो अंगूर की खेती करके लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं।
आज के समय में किसान खेती को व्यापार का रूप दे रहे हैं वो केवल खेती को एक छोटे स्तर तक ही सीमित नहीं रखना चाहते हैं बल्कि उसे बड़े पैमाने पर व्यापार का भी रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकतर किसान पारम्परिक खेती छोड़कर नयी तकनीक को अपनाकर कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे हैं और खेती के व्यपार को बढ़ा रहे हैं।
इस आर्टिकल में हम भरतपुर के रहने वाले रघुवीर सैन की बात कर रहे हैं जो अंगूर की खेती करते हैं और सालाना 15 लाख से भी ज्यादा मुनाफ़ा कमाते हैं। रघुवीर सैन ने बताया कि उनके छेत्र में बागबानी को बहुत ही बड़े पैमाने पर किया जाता है और उनका छेत्र बागबानी के लिए पहले से ही प्रसिद्ध है। सब किसानों को बागबानी करते देख इन्होने भी अंगूर की खेती करना शुरू कर दिया।
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रघुवीर सैन ने बताया कि उन्होंने नाशिक से अंगूर की बेल को ख़रीदा था और उसके बाद उन्होंने अंगूर की खेती के बारे में बहुत खोज की और सबकुछ जान लेने के बाद उन्होंने अंगूर की खेती करना शुरू कर दिया। रघुवीर सैन ने रासयनिक खाद की जगह जैविक खाद का इस्तेमाल किया जिससे की अंगूर की पैदावार बढ़ी और लोगों को ताजे फल खाने को मिल रहे हैं।
रघुवीर सैन ने बताया कि अंगूर की खेती करने से पहले वो पारम्परिक खेती किया करते थे जिससे उन्हें ज्यादा लाभ नहीं होता था। उन्होंने अपने छेत्र के लोगों को बागबानी करते हुए देखा और इसमें लागत भी कम लगती है और किसान उस बागबानी से अच्छा मुनाफा कमा रहे थे। इसी के चलते रघुवीर सैन ने सोचा की उन्हें भी बागबानी करनी चाहिए क्योंकि उसमें लागत भी कम लगती है और मुनाफा भी अच्छा ख़ासा कमाते हैं।
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रघुवीर सैन ने बताया कि उन्होंने अंगूर की बेल 5 साल पहले नाशिक से खरीदी थी और तभी उन्होंने 1 हेक्टेयर में उसकी खेती करना शुरू कर दिया था। इन्होने बताया की इस खेती में इन्होने जैविक खाद का उपयोग किया है जिससे इसकी पैदावार और अच्छी हुई। इस छेत्र के किसानों का कहना है कि यहाँ के लोगों ने पारम्परिक खेती करना बहुत कम कर दिया है और बागवानी फसलों पर ध्यान दे रहे हैं क्योंकि इस खेती से उन्हें ज्यादा मुनाफा मिलता है।
अंगूर की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि इस खेती को करने से उनकी आमदनी पहले से अधिक हो गयी है और अंगूर ताज़ी होने की वजह से उनके गुण भी बढ़ जाते हैं इसी वजह से अंगूर की मांग बहुत ज्यादा है। शराब फैक्ट्रियों में इनकी अच्छी खासी मांग है। शराब कंपनियां सीधे खेत से ही फल को लेती है क्योंकि फल ताजे होते हैं और बाजार से भी अच्छे दाम किसान को देती हैं।
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इस समय अंगूर के दाम 40 से 50 kg है। रघुवीर सैन ने बताया कि प्रतिवर्ष उन्हें अंगूर की खेती से 12 से 15 लाख तक की आमदनी होती है, जो की पारम्परिक खेती की आमदनी से काफी ज्यादा है।
आज हमने इस आर्टिकल में आपको बताया की अंगूर की खेती करने से आप कितना मुनाफा कमा सकते हैं, अगर वो जैविक खेती के साथ की जाये तो। अगर आपको ट्रेक्टर या उसके इम्प्लीमेंट्स से रिलेटेड कोई भी जानकारी चाहिए तो आप हमारी वेबसाइट TractorBird को फॉलो कर सकते हैं और जानकारी हासिल कर सकते हैं। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट TractorBird को फॉलो कर सकते हैं।